शक का कोई इलाज नहीं
शक का कोई इलाज नहीं:
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असत्य जो बोला करते हैं , नहीं करते भरोसा किसी पर हैं,
हर किसी पर शक किया करते,सशंकित रहते ख़ुद से हैं।
आज़माइश करते बार बार वो धोखा देते पत्नी को ,
ज़माने का भरोसा खो देते ,खो देते परिवार,पत्नी को ।
ख़ून मे ऐंसे लोगों के सिर्फ़ झूठ ही झूठ भरा होता,
नहीं लाल रक्तकण, कोई मिलता ,बस झूंठ ही झूंठ सिर्फ मिलता ।
ऐंसे शक करने वाले को कोई चारागर नहीं मिलता,
कि शक का तो इस दुनिया मे इलाज कोई नहीं मिलता।
शक करने का कारण पूंछों तो कहते जमाना आया बहुत ख़राब,
नहिं कभी विश्वास करना जग मे सब माना करते बहुत दुराव।
कैंसे कोई उनको समझाए,प्रतिविम्ब है सब उनके मन का,
पहले ख़ुद सत्य बोलना सीखो, दृष्टिकोण है यह उनके मन का।
यह दुनिया रंग -बिरंगी है ,ग़लत लोग भी मिल जाते
थोड़ा सावधान रहने से वो अहित न कोई कर पाते।
दुनिया को राह दिखाने का कोई ठेका कभी न ले सकता,
फ़िर क्यों कमियां ढूंढ़नी हमको कोई उनको ठीक न कर सकता।
आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़ उ.प्र.
Gunjan Kamal
16-Jul-2023 01:11 AM
👌👏
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Varsha_Upadhyay
15-Jul-2023 07:29 PM
बहुत खूब
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Alka jain
15-Jul-2023 02:06 PM
Nice one
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