V.S Awasthi

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आपातकाल

आपातकाल
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भूल नहीं पाया हूं अब तक २५ जून ७५ का काला दिन।
रात अचानक आ गई इमर्जेन्सी आ गए सबके दुर्दिन।।
क्या विपक्ष का नेता,अभिनेता सबको ही जेल में डाला।
कोई कुछ बोल नहीं सकता था मुंह में भी लगाया ताला।।
पकड़-पकड़ कर हर गरीब की नशबन्दी भी करवाई।
इधर-उधर जो भागना चाहे तो पुलिस ने लाठी चलाई।।
देश की जनता हो गई बेचारी मुंह का भी छिना निवाला।
जो सरकार की करें बुराई उन सबको ही जेल में डाला।।
सरकार हो गई तानशाही वो किसी की नहीं सुनती थी।
जो फरियादी मांगने जाता उसको भी खुब धुनती थी।।
सत्ता के मद् में चूर थे जनता को भी असहाय किया।
आपातकाल के नाम पर देश की सारी दौलत लूट लिया।।
फिर जे पी नाम के दीपक ने जय का प्रकाश ‌फैलाया था।
नेताओं को किया संगठित आपातकाल हटवाया था।।
जे पी आन्दोलन चला देश में कांग्रेस की सत्ता चली गई।
कलमुंही इमर्जेन्सी भी देश में नेताओं के हाथों छली गई।।
विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर

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3 Comments

Gunjan Kamal

16-Jul-2023 01:09 AM

👌👏

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Varsha_Upadhyay

15-Jul-2023 07:26 PM

बहुत खूब

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Alka jain

15-Jul-2023 02:04 PM

Nice one

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