Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -15-Jul-2023 अहिल्या माॅं की गाथा

शीर्षक-अहिल्या माॅं की गाथा
अहिल्या माॅं की कथा सुनाती।
जग को मैं यह बात बताती।।

इंद्रदेव ने जब भेष बदला।
छलिया रूप धर के छला।।

गौतम ऋषि का भेष बनाया
अहिल्या को समझ में आया।।

दृष्टि थी उसी की काली।
अहिल्या पर अपनी नजर डाली।।

गौतम ऋषि जब आए ऑंगन।
देखा इंद्रदेव का रूप रंगन।।

लगाया अहिल्या पर लांछन।
कंचन सी अहिल्या बनी पाहन।।

जब दिया ऋषि मुनि ने श्राप।
अहिल्या बोली क्या किया पाप।।

बनाया इंद्र ने छलिया भेष।
फिर क्यू किया मुझसे द्वेष।।

अपवित्रता का क्यू लगाया दाग।
इंद्रदेव बन कर आया काग।।

लगा गया मुझ पर कालिक।
मेरी क्या गलती थी मालिक।।

जो मिला मुझको ये श्राप।
रह गया जीवन में अब विलाप।।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा




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6 Comments

सुन्दर सृजन

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Abhinav ji

16-Jul-2023 09:30 AM

Very nice 👍

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Gunjan Kamal

16-Jul-2023 12:59 AM

👌👏

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