वानी

Add To collaction

परवरिश

चैप्टर 6 परवरिश

अब तक आपने पढ़ा तनुजा बताती है उसे ips बनने की ट्रेनिंग पर जाना है श्रेया राहुल के साथ स्कूल आती है जहां महेंद्र उसके साथ बदतमीजी करता है तो श्रेया उसे एक जोरदार थप्पड़ जड़ देती है


अब आगे

थप्पड़ इतनी तेज़ था की कूछ सेकेंड के लिए महेंद्र के कान सुन्न पड़ जाते हैं।

उसके बाद तो गूस्से में जैसे महेंद्र पागल ही हो जाता है और श्रेया को घूरते हुए कहता है "तेरी इतनी हिम्मत! कि तुने मुझपर हाथ उठाया"

वो आगे कूछ बोलता तभी श्रेया गुस्से से भरी तेज़ आवाज़ आती है उसकी आवाज इतनी भयानक थी की सब 2 कदम पिछे हट जाते हैं

श्रेया तेज़ आवाज़ मे केहती है "बस .....बहुत हुआ चिल्लाओ मत चिल्लाना मुझे भी आता है! और क्या लगा रखा है जबसे?  जानती नही हो, जानती नही हो आखीर हो कौन तुम हाँ? जो भी हो ,मूझे तुम्हे जानने में कोई इंर्टेस्ट नहीं है तो मुझसे और मेरे बेटे से दुर रहो' अगर मैं अपनी पर आई ना! तो तूम और तुम्हारा ये सो कोल्ड खानदान जेल में नज़र आओगे"

फिर थोड़ा शांत होकर कहती है "किसी का खानदान कैसा है ये उसके व्यवहार मे दिखता है और तुम्हारा खानदान कैसा है , ये तूमने साबित कर दिया! और क्या फर्क पड़ता है कि बीज किसका है? बेटा तो मेरा है, पेड़ों से तो कोई नहीं पूछता की बिज किसका है"

फिर आकाश की तरफ उंगली दिखाते हुए केहती है "उस भगवान ने जन्म देने की ताकत अगर सिर्फ औरत को दिया है तो सिर्फ औरत का नाम ही काफी है, क्या अच्छी परवरिश बाप के रहते हुए ही हो सकती है? ये मेंरा बेटा है मैं प्यार करती हूँ अपने बेटे से, तो ये बेशक जायज़ है! सिर्फ बाप का नाम होने या ना होने से कोई जायज़ या नाजायज़ नहीं हो जाता ,वो हर बच्चा जायज़ है जिसके पास उससे प्यार करने के लिए माँ या बाप है"

फिर महेंद्र को घूरते हुए केहती है "तूम्हारे पास तो दोनों है ना फीर भी तूम अकेले हो! तूम खाना खाते हो या नहीं किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता कभी प्यार से सर पर हाथ फेरा किसीने?, एनवल  फंक्शन, स्पोर्ट्स मीटिंग, पैरेंट्स मीटिंग में आया कभी कोई? नहीं ना तो कैसे तुम जायज़ हो, तूम मारने आ गए यहाँ क्योंकि मेरे बेटे ने तुम्हारी बहन के साथ बदतमीजी की! लेकिन क्या तुम ये पूरे विश्वास के साथ कह सकते हो की तूम्हारी बहन सच बोल रही है? "

उसकी बात सून महेंद्र गूनजन  की तरफ देखता है लेकिन कुछ नहीं बोलता उसे खामोश देख श्रेया मुस्कुराते हुए कहती है "लेकिन मैं पुरे विश्वास के साथ कहती हूँ मेरे बेटे ने कूछ नही कीया ,वो सच बोल रहा है और ये बात मैं साबित करके रहूँगी"

श्रेया गूंजन के पास जाती है और उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहती है

"ये उम्र पढ़ने की है और प्यार कभी ज़बरदस्ती नहीं होता ये एक एहसास है जिसे महसूस किया जाता है अब भी वक्त है सच बता दो कोई कूछ नही बोलेंगा" उसकी बात सून गूंजन उसका हाथ झटक देती है और कहती है

"इसने मेरे साथ बदतमीजी की है और इसे इसकी सज़ा जरूर मिलेगी" महेंद्र उसका साथ देते हुए कहता है "बहुत करली तुमने बकवास अब माफी नहीं सज़ा मिलेगी और सज़ा ये है कि ये लड़का स्कूल से रस्टीकेट होगा" उसकी बात सून श्रेया लम्बी सांस लेती है और राहुल की तरफ हाथ बढ़ा देती है और कहती है "लाडले लोकेट  दो" राहुल उसे अपना लोकेट निकाल कर दे देता है..

"काले धागे में एक छोटी सी कृष्ण की मूर्ति थी बंसी बजाते हुए ये सिर्फ मूर्ति नहीं थी ये एक साउंड रिकार्डर था" मिरा उसे थोड़ी देर कान  के पास लगाकर सूनती है फिर उसका वोल्युम बढ़ा देती है आवाज बहुत तेज़ तो नहीं थी लेकिन सब को समझ आ गया था कि जो आवाज उसमें से आ रही है वो गूंजन और राहुल की है "

गूंजन "मेरे बाॅयफ्रेंड बनजाओ नहीं तो मैं तूम्हे स्कूल से रस्टीकेट करवा दूंगी"

राहुल (अपने गले से उसका हाथ हटाते हूए) " तुम्हे जो करना है करो  बट मूझसे दूर रहो"

गूंजन "तूम्हारी प्रॉब्लम क्या है मैं प्यार करती हूँ तूमसे "

राहुल "ये प्यार नहीं है जि़द है तूम्हारी अट्रेक्शं है और वैसे भी पढाई पर ध्यान दो मूझ पर नहीं"

और वो वहां से जाने लगता है गुंजन पिछे से चिल्लाती है "मैं तूम्हारा कॅरिअर खराब कर दूंगी ,और वैसे भी तूमपर भरोसा करेगा कौन" उसकी बात सून राहुल मूस्कूराता है और बिना पिछे मुडे़ कहता है "मूझे किसी को साबित करने की ज़रूरत नहीं मेरी माँ भरोसा करती हैं काफी है" और वो वहां से चला जाता है ...

(ये लॉकेट श्रेया ने राहुल को तब पहनाया था जब वो 6 साल का था क्योंकि उसे उसकी फिक्र होती थी और वो डरती थी कि कोई उसके बेटे को चोट ना पहूँचाय)

रिकॉर्डिंग सूनने के बाद वहाँ सन्नाटा हो जाता है श्रेया कहती है   "आई थिंक अब कूछ कहने या सूनने के लिए नहीं बचा है प्रिंसिपल सर मैं इजाज़त चाहुंगी"

प्रिंसिपल हां में सिर हिला कर हामी भर देते हैं " श्रेया राहुल को लेकर बाहर आ जाती है "वो थोड़ा आगे जाते हैं तभी "कोई पिछे से श्रेया के आंखों को ढक लेता है" उस हाथ को महसूस कर

श्रेया मुस्कुरा देती है और कहती है "रिहान" और वो पिछे पलट जाती है, वो कूछ कहती तभी उसे महेंद्र की आवाज आती है जो कह रहा था। "मिस श्रेया मैं अपनी इस बेज्जती का बदला लेकर रहुंगा जुस्ट् वेट एंड वॉच" और एक नज़र राहुल को घूर कर वहां से चला जाता है,

उसकी बात सून श्रेया मुस्कुरा देती है और कहती है "देखते हैं" फिर वो वहां से चला जाता है उसके जाने के बाद श्रेया राहुल और रिहान की तरफ मुड़ जाती है"...........

क्या करने वाला है महेंद्र? कौन है राहुल के पिता? रिहान कौन है? क्या मोड़ लेने वाली है कहानी? जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी "एक मां ऐसी भी? मिलते हैं अगले चैप्टर में तब तक के लिए बाय बाय

वानी #कहानीकार प्रतियोगिता

   19
3 Comments

Abhilasha Deshpande

13-Aug-2023 10:25 PM

Nice part

Reply

अदिति झा

17-Jul-2023 12:05 PM

Nice 👍🏼

Reply

Gunjan Kamal

17-Jul-2023 01:45 AM

👏👌

Reply