शौर्य का श्रेया के बारे में जानना
चैप्टर 13 शौर्य का श्रेया के बारे में जानना
अब तक आपने पढ़ा रिहान श्रेया को प्रिंसीमा कहता है जिससे श्रेया नाराज़ नहीं होती है दोनो को खाना बनाने के लिए कहती है रणधीर श्रेया को जॉब के बारे में बताता है और जाने लगता है तो श्रेया उसे खाना खाने के लिए कहती है रिहान और राहुल उसके बोलने का इंतजार करते हैं
अब आगे
श्रेया खाती है और कहती है "अच्छा बना है"
और दोनों को पैसे देती है ,उसे खाते देख रंधीर भी चुप चाप खा लेता है फिर रिहान के पास जाता है और उसके सर पर हाथ रखकर कहता है "खाना बहुत अच्छा बनाया है"
फिर श्रेया से कहता है "दो दिन बाद फंक्शन है उम्मीद करता हूँ तुम इन दोनों के साथ आओगी"
श्रेया कहती है "लेकिन मैं कैसे, मैं किसी को नही जानती हूँ"
रंधीर मुस्कुराते हुए कहता है " कोई बात नहीं ,और कुछ दिन के लिए अकेडमी जोइन करलो एक्सपिरियन्स हो जाएगा"
श्रेया उन दोनों को देखकर कहती है " तुम दोनों कमरे में जाओ मैं कुछ खाने के लिए बनाती हूँ" राहुल कहता है "माँ हम भी यही खाएंगे"
श्रेया कहती है "नहीं ये सिर्फ मै खाउंगी तुम दोनों कमरे में जाओ" रंधीर कहता है "मैं चलता हूँ, तुमसे कुछ बात करनी है"
श्रेया उसके पिछे पिछे चल देती है......
"बाहर"
रंधीर श्रेया से कहता है "तुम एसी क्यों हो ,इतना नमक और मिर्ची वाला खाना चुप चाप खा लिया" श्रेया मुस्कुराते हुए कहती है "उन दोनों ने प्यार से बनाया है और धीरे धीरे सब सिख जाएंगे" रंधीर कुछ पल श्रेया को देखता है फिर लकी मैन कहते हुए चला जाता है".......
अंदर "घर में राहुल खाने को घुर रहा होता है, रिहान उसे एसे देख पुछता है "क्या हुआ एसे क्या घुर रहा है खाने को, जैसे ये तेरी बिवी लेकर भाग गया हो" और हसने लगता है राहुल सोचते हुए कहता है "माँ ने मना क्यों किया खाने से अगर इतना ही अच्छा बना है तो"
रिहान कहता है "उन्हें खाना होगा इसलिए" राहुल फिर कहता है "नहीं मै मेरी माँ को जानता हूँ"
और खाने बैठ जाता है उसे देख रिहान भी बैठ जाता है पहला निवाला मुंह में डालते हि दोनों उसे वापस उगल देते हैं और पानी का पुरा जग खाली कर देते हैं रिहान हांफते हुए कहता है "अबे साले इतनी वाहीयात सब्जी कौन बनाता है"
राहुल मुंह बनाते हुए कहता है "वही मै भी बोल रहा हूँ पूरी मिर्ची का डब्बा हि डाल दिया क्या"
रिहान गुस्से में कहता है "अच्छा बेटा और जो तुने पुरा नमक का डब्बा डाला है उसका क्या"
"वो दोनों लड़ने लगते हैं तभी उन्हें किसी के हसने की आवाज आती है" जब दोनों मुड़ कर देखते हैं वहां श्रेया होती है "वो उन दोनों के चेहरे देखकर और ज्यादा हसने लगती है और हसते हुए दोनों को शहद देती है और कहती है "खालो जलन खत्म हो जाएगा"
राहुल कहता है "माँ हम एक चम्मच नहीं खा पाए और आपने उतना सारा ,आप ठीक है ना, आपको नही खाना चाहिए था, और अंकल को भी"
श्रेया उसके गाल पर हाथ रखकर कहती है "जब कोई तुम्हारे लिए कुछ प्यार से बनाता है तो वो चीज बुरी कैसे हो सकती है"
रिहान उसके पास आकर कहता है "इसका मतलब डैड मुझसे नफरत नही करते हैं" श्रेया मुस्कुराते हुए कहती है "नहीं कोई भी पिता अपने बच्चों से नफरत नही करता है".......
"अब तैयार हो जाओ हम घुमने जा रहे हैं तिनो तैयार होकर घुमने चले जाते हैं"......
शाम का वक्त
एस एम मेंशन
"शौर्य अपने कमरे में बैठा होता है और उसके सामने अनील खड़ा होता है शौर्य कहता है "बोलो" अनील बोलना शुरू करता है "सर श्रेया जी 10 साल पहले ही दिल्ली आइ है ,और इससे पहले वो कहा रहती थी ये हम पता नहीं कर पा रहे हैं, उनकी एक दोस्त है जिसका नाम तनुजा है वो हमें बता सकती है, लेकिन वो अभी आई पी एस ट्रेनिंग के लिए गइ है और एक आश्चर्य की बात है कि तनुजा 24 साल की है"
शौर्य पूछता है "और कुछ"
अनील कहता है "नहीं सर" फिर अचानक से कहता है " और हाँ एक बात और हमे इनवेस्टीगेट करने में पूलिस वाले रोक रहे हैं"
शौर्य कुछ सोचते हुए कहता है "किसके कहने पर"
अनील "रंधीर सचदेवा डी एस पी उसे बहुत बार श्रेया जी के साथ भी देखा गया है और 2 दिन बाद एक फंक्शन है उसमें वो आ रहा है"
शौर्य कहता है "हमभी जाएंगे, और उस दिन की कोई खबर "
अनिल "नहीं सर उस दिन भोपाल में क्या हुआ हम पता नहीं कर पा रहे हैं कोई है जो हमे रोक रहा है लेकिन हम उसके बारे में पता नहीं लगा पा रहे हैं".... शौर्य ठीक है तुम जाओ
शौर्य अपने कमरे में मिरा की तस्वीर के आगे खड़ा हो जाता है और उसे देखते हुए कहता है "बहुत हो गया इंतजार अब तुमसे मिलने का वक्त आ गया है ,मैं जानता हूँ वो तुम ही हो और इस बार तुम मुझसे भाग नहीं पाओगी और जो भी मुझे रोकने की कोशिश कर रहा है उसे तो मैं ढूंढ ही लुंगा"
फिर वो काम में लग जाता है........
"एक हवेली जहाँ एक आदमी सोफे पर बैठा पी रहा है ,ये और कोई नहीं महेंद्र सिंह है जो पिछले 4 दिन से यहाँ किसी बहुत बड़े खेल को अंजाम देने की साजिश कर रहा है"
वो अपनी गुस्से से लाल आंखो से कांच के टेबल को घूरते हुए कहता है "तुने मुझपर हाथ उठा कर बहुत गलत किया है ,अब देख मैं तेरे साथ क्या करता हूँ अगर तुझसे इस थप्पड़ का बदला नहीं लिया तो मैं भी महेंद्र सिंह नहीं" और पागलो की तरह हसने लगता है.........
श्रेया का घर
तिनो घर आकर थोड़ी देर अपने लाए समान देखते हैं और डीनर करके सोने चले जाते हैं "
"सब सही चल रहा था श्रेया अपनी ज़िंदगी में आने वाले तुफान से बेखबर इस शहर को छोड़ कर जाने की तैयारी कर रही थी महेंद्र एक बहुत बड़ी साज़िश की तैयारी कर रहा था शौर्य अब भी 10 साल पहले के उस दिन के बारे में जानने की कोशिश कर रहा था".......
"अपने कल से बेखबर सब अपने आज को जी रहे थे"...
आज श्रेया को सुबह से घबराहट हो रही थी वो खुद से ही कहती है "क्या हो रहा है मुझे, इतनी बेचैनी क्यों हो रही है"
वो तैयार होते हुए सोच रही थी".... "वो सोच ही रही थी तभी राहुल आता है और उसे परेशान देख कहता है "क्या हुआ माँ आप ठीक है"
श्रेया कहती है "हा मै ठीक हूँ" जब राहुल श्रेया को देखता है तो कहता है "मा आप बहुत प्यारे लग रहे हो आज"
श्रेया सही में बहुत प्यारी लग रही थी हल्का मेकअप रेड गाउन उसके पतले और गोरे बदन पर बहुत खील रहा था, बस उसके सफेद बंधे हुए बाल और उसकी आँखों पर वो बड़ा सा चश्मा उसे उम्र में ज्यादा दिखा रहा था"........
राहुल कहता है "माँ आप अपने बाल खोल लो बहुत प्यारे लगोगे" श्रेया कुछ सोच कर कहती है "मुझे ज्यादा खुबसूरत होने की ज़रूरत नहीं है, कभी कभी खुबसुरती जि़न्दगी भर के कलंक की वजह बन जाता है ,खैर मेरा लाडला तो इस "ब्लैक सूट" में एकदम जवान लग रहा है, आज तो लडकिया घायल ही हो जाएंगी"
और उसके कान के पिछे काजल लगाते हुए कहती है "मेरे बच्चे को किसी की नज़र ना लगे".....
किसकी बात कर रहा है शौर्य? श्रेया को घबराहट क्यों हो रही है? मिलते हैं अगले चैप्टर में
...... बाय बाय.....
वानी #कहानीकार प्रतियोगिता
Abhilasha Deshpande
13-Aug-2023 10:29 PM
Nice part
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अदिति झा
17-Jul-2023 11:59 AM
Nice 👍🏼
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Gunjan Kamal
17-Jul-2023 01:57 AM
👏👌
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