सुन्दर माला
सुन्दर माला
शौक था बहुत चुनचुन
सुंदर मोती माला बुनने का
हद से गुजर गया खुशी में
करीब था बहुत करीब
ऐसी बयार बही नफरत की
जाने
सुंदर माला कौन तोड़ गया
अजीब सा घटित हुआ
मनका मनका बिखर गया
कोई यहां गिरा कोई वहां गिरा सूत्रधार दे गया धोखा
भरोसे पर मेरे
पानी फेर गया
चाहत थी बहुत
टूटा फूटा सब जोड़ दूँ
करीब था बहुत करीब
अहम का बुखार ऐसा चढ़ा
पार कर डाली सारी हदे
वहम की आरी ऐसी चलाई
मेरे प्यार,अरमानों का
जवान पौधा काट दिया
मनका मनका चुन
बनाई थी सुन्दर माला
जाने कौन तोड़ गया
अजीब सा घटित हुआ
मनका मनका बिखरा
कोई यहां गिरा कोई वहां गिरा
मौलिक रचना
उदय वीर भारद्वाज
भारद्वाज भवन
मंदिर मार्ग कांगड़ा
हिमाचल प्रदेश 176001 मोबाइल 94181 87726
Mohammed urooj khan
21-Jul-2023 03:53 PM
👌👌👌👌👌
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Abhinav ji
21-Jul-2023 09:24 AM
Very nice 👍
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Anjali korde
21-Jul-2023 07:00 AM
Nice
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