चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है
चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है।
माजी से अपने दिल का वह खंडहर आबाद है।।
रखा है डायरी में वह फूल यूँ ही महफूज़,
जिसकी खुशबू से दो जहाँ नौशाद है ।
ज़िन्दगी कब्रगाह या सूना सा सहन है,
सब लगे बेमजा तेरे जाने के बाद है।
प्रीति चौधरी"मनोरमा"
जनपद बुलंदशहर
उत्तरप्रदेश
Shashank मणि Yadava 'सनम'
10-Sep-2023 08:56 PM
Nice
Reply
Varsha_Upadhyay
22-Jul-2023 07:03 PM
बहुत खूब
Reply