Kavita Gautam

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आराधना

"आराधना"

तुम ही मेरी आराध्य हो
करूं किसकी मैं आराधना...

तुम ही मेरा अस्तित्व हो
कहूं किसको मैं  आधार मां...

जब लक्ष्य हो तुम ही मेरा
करूं किसकी फिर मैं साधना...

ना हीं कोई वर मांगू मैं
ना हीं कोई धन मांगू मां...

आशीष तुम रखना सदां
बस इतनी है मेरी प्रार्थना...

जो डगमगाऊं मैं कभी
मुझे तुम हीं लेना संभाल मां...

टूटे कभी जो हौसला
तो तुम ही साथ निभाना मां...

छूटे लड़ी जब सांसों की
मेरे सामने तुम रहना मां...

लेकर शरण अपनी मुझे
अंतिम दरस दे देना मां...

तुम ही हो मेरी तलाश मां
तुम ही मेरा विश्वास मां...

तुम ही हो मेरी कामना
तुम ही मेरी आराधना...

तुम ही मेरी आराध्य हो
करूं किसकी मैं आराधना...

© कविता गौतम...✍️

# लेखनी

# लेखनी कविता

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12 Comments

Niraj Pandey

12-Oct-2021 10:01 AM

जय हो

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Kavita Gautam

12-Oct-2021 11:12 AM

बहुत धन्यवाद 🙏

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Sapna shah

12-Oct-2021 06:12 AM

Wah

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Kavita Gautam

12-Oct-2021 11:12 AM

बहुत धन्यवाद 🙏

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Swati chourasia

12-Oct-2021 06:06 AM

Very nice 👌

Reply

Kavita Gautam

12-Oct-2021 11:12 AM

बहुत धन्यवाद 🙏

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