आराधना
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भक्ति की मैं रित ना जानूं
दर्शन पाकर तृप्त हो जाऊँ
पूजा पाठ भजन सुनाकर
हें परमात्मा! आराधना में मैं रम जाऊँ
फल -फूल चढाकर मोक्ष फल चाहूँ
जन्म मरण के जंजाल से मैं मुक्ति चाहूँ
किस विधि से हो पूर्ण कामना
हें ईश्वर! कैसे करूँ मैं आराधना
जग के झूठे सारे सगे- साथी
कोई नहीं दुख का सारथी
मतलब की दुनिया से मुँह मोड़ ना चाहूँ
बंधन सारे तोडना चाहूँ
हें परमपिता! कैसे पूर्ण होगी आराधना
नत मस्तक हुआ मैं कई-कई बार
पूजन अरचन भी किए अनगिनत बार
भक्ति का फल मैं चाहूँ अब की बार
हें अंतर्यामी! आराधना सफल हो अब की बार ...
🙏🙏🙏🍁🍁🍁 सपना शाह 🍁🍁🍁🙏🙏🙏
ऋषभ दिव्येन्द्र
12-Oct-2021 01:12 PM
बहुत खूब 👌👌
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Sapna shah
12-Oct-2021 02:54 PM
Ji shukriya
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Niraj Pandey
12-Oct-2021 10:18 AM
जय हो🙏
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Sapna shah
12-Oct-2021 02:54 PM
Thanks
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Swati chourasia
12-Oct-2021 06:59 AM
Very nice 👌
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Sapna shah
12-Oct-2021 07:05 AM
Thank you 🙏
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