Sapna shah

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आराधना


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भक्ति की मैं रित ना जानूं 
दर्शन पाकर तृप्त हो जाऊँ 
पूजा पाठ भजन सुनाकर 
हें परमात्मा! आराधना में मैं रम जाऊँ 

फल -फूल चढाकर मोक्ष फल चाहूँ 
जन्म मरण के जंजाल से मैं मुक्ति चाहूँ 
किस विधि से हो पूर्ण कामना 
हें ईश्वर! कैसे करूँ मैं आराधना 

जग के झूठे सारे सगे- साथी 
कोई नहीं दुख का सारथी 
मतलब की दुनिया से मुँह मोड़ ना चाहूँ 
बंधन सारे तोडना चाहूँ 
हें परमपिता! कैसे पूर्ण होगी आराधना  

नत मस्तक हुआ  मैं कई-कई बार 
पूजन अरचन भी किए अनगिनत बार 
भक्ति का फल मैं चाहूँ अब की बार 
हें अंतर्यामी! आराधना सफल हो अब की बार ...


🙏🙏🙏🍁🍁🍁 सपना शाह 🍁🍁🍁🙏🙏🙏






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6 Comments

बहुत खूब 👌👌

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Sapna shah

12-Oct-2021 02:54 PM

Ji shukriya

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Niraj Pandey

12-Oct-2021 10:18 AM

जय हो🙏

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Sapna shah

12-Oct-2021 02:54 PM

Thanks

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Swati chourasia

12-Oct-2021 06:59 AM

Very nice 👌

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Sapna shah

12-Oct-2021 07:05 AM

Thank you 🙏

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