Aparna Sharma

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लेखनी प्रतियोगिता -24-Jul-2023

दैनिक प्रतियोगिता 

स्वैच्छिक कविता 


*राष्ट्र निर्माता गुरु*

*गुरू गोविंद दोऊ खड़े काके लागूं पाय*
*बलिहारी गुरू आपने गोविंद दियो बताय*

जो राष्ट्र निर्माण करे वो शिक्षक गुरू कहलाता है। 

शिक्षा संग विद्या भी दे वो
जीवन का पाठ पढ़ाता है! 

अभियंता, चिकित्सक बनाये वो मान सम्मान दिलाता है। 

व्यवसाई, व्यापार सिखाए
धन वैभव दिलवाता है। 

राजनितिज्ञ ,वैज्ञानिक बनाए
उच्च पद पर बिठाता है। 

धर्म और संस्कार सिखाए
समाज सेवक बन जाता है। 

इतिहास, भूगोल,रसायन सिखाए
विश्व वेत्ता बन जाता है। 

आध्यात्म परमात्म ज्ञान दे
गूढ़ रहस्य समझाता है! 

समस्त बनाता ,समस्त सिखाता
फिर भी शून्य कहलाता है। 

शिव स्वरूप शिक्षक को नमन जो 
छुपाकर अस्तित्व 
स्वयं का 
राष्ट्र निर्माण कराता है। 
जगत गुरु कहलाता है। 

*अपर्णा गौरी शर्मा*🙏

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5 Comments

Khushbu

25-Jul-2023 03:40 AM

Nice

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Alka jain

24-Jul-2023 05:47 PM

Nice 👍🏼

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Varsha_Upadhyay

24-Jul-2023 05:10 PM

बहुत खूब

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