इश्क

इश्क

दूरियां नजदीकियां ये इश्क़ भी अजीब है
दूर रहकर भी तू पास है ये यकीन है
अब तो जी लेंगे तेरी यादों के सहारे से
पर इतना जान ले एक दिन मिलना हमारा नसीब है।

तू आसमान सही, मैं ज़र्रा इस जमीन का
जब चलेगी इश्क़ की आंधी मैं बवंडर बन जाऊंगा
तू ये माने न माने तुझ पे मैं छा जाऊंगा
कर दूंगा तुझ को खुद सा फिर धूल में मिल जाऊंगा।

मुझ को अपने कारवां में ले के चल साकी
बहुत काम आऊंगा
जाम गिलास शराब तो नहीं
नशा बन के दिल में उतर जाऊंगा।

दूरियां नजदीकियां ये इश्क़ भी अजीब है।
पर इतना जान ले एक दिन मिलना हमारा नसीब है।

आभार - नवीन पहल – २४.०७.२०२३ 🙏🌹



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6 Comments

खूबसूरत शब्द संयोजन और अभिव्यक्ति बेहतरीन

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शुक्रिया जी

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Khushbu

25-Jul-2023 03:48 AM

Nice

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Reena yadav

24-Jul-2023 10:51 PM

👍👍

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😊🙏🙏

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