तेरे निशान कदमों के, दिल पर छाप छोड़ते होंगे।
तू जब पास नहीं होता होगा,
तो वे उसके बहुत करीब रहते होंगे।
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क्या तेरे साथ भी,
ऐसा होता है कभी,
खोए कदमों के निशान,
ढूँढ़ते हुए तुम कहीं,
किसी को याद करते हुए
तुम चले हो दूर दूर तक कभी।
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क्या किसी के इतने,
करीब रहे हो तुम कभी।
कि उसके कदमों के साथ,
उसके कदमों के निशानों को,
उसके कदमों की हर आहट को,
आँखेँ मूँद कर भी,
पहचानते रहे होगे कभी॥
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यदि रहे हो तुम किसी के,
इतना करीब,
दिल से लगा कर,
उसकी हर याद को,
उसकी हर निशानी को,
तो वह बहुत ही खुशनसीब,
तुम्हें दिलोजान से,
बहुत अजीज रहा होगा!
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तुम्हारे बहुत करीब,
इतना कि,
उसके मन की हर परत को,
उसके दिल की हर रग को,
तुमने जान लिया होगा।
पहचान लिया होगा,
पसंद भी किया होगा।
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हो सकता है कि,
तेरे निशान उसने भी,
सहेज कर दिल में छुपा रखे होंगे।
निश्चय ही तुम भी उसे,
उसे उतने ही प्यारे रहे होगे कभी।
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शोभा शर्मा, छतरपुर म.प्र.
#प्रतियोगिता , #दैनिक प्रतियोगिता
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
26-Jul-2023 07:54 AM
खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति बेहतरीन
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नवीन पहल भटनागर
25-Jul-2023 07:57 PM
बहुत ही सुंदर सृजन आपका
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Madhu Gupta "अपराजिता"
25-Jul-2023 06:24 PM
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति👌👌👌
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