Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -25-Jul-2023 आओ मेरी प्रियतमा

बैठा हूं नद किनारे,
देखो नभ में सितारे,
करते मन को ओझल,
नहीं लगते हमको प्यारे।

रेत में निहारु तेरे निशान,
देख रहा हूं ईशान,
 नहीं मिली मेरी जान।

तेरे कदमों के ढूंढू निशान,
सभी जगह ढूंढू चाप,
कहीं नहीं मिलती छाप।

कोई जब से बारिशें,
करता मन ख्वाहिशें,
मन करे बने नुमाइशे।

आओ मेरी प्रियतमा,
तू ही बारिश की समा,
मेरे दिल की महफिल जमा।

हृदय पर पड़े प्रेमी निशान,
नहीं इनको मिटाना आसान,
सुनो ओ मेरी जान।

आया है जग नव भोर,
मनवा करता है शोर,
देखो हिय में नाचे मोर।

आओ फिर बनाओ प्रेम निशान,
दिल बगिया का सजा मान,
तू ही मेरे दिल की जान।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा प्रिया ✍️

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बेहतरीन

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