Ramsewak gupta

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कविता

आदिशक्ति------

छन्द----
अम्बा तुम दुर्गा तुम कालिका भवानी तुम ।
           तुम ही हमारे घोर पातक की हारिन हो।।
आदिशक्ति कात्यायनी कालरात्रि महागौरी।
          पुत्र हम एक तुम अनेक रुप धारिन हो।।१
ममतामई, करूणामई दुष्टों का संहार करती ।
          लोगों को दिलाती सुख दुःख की निवारिण हो।।
प्रेम हार गले में दीप शांति का जलाके चली।
            मंदिर में श्रंद्धा की तुम ही पुजारिन हो।।२
महाकाली भैरवी महालक्ष्मी महामाया देवी ।
             कोप के समय मानो जहर की पिटारिन हो।।
जीवन की डोर मेरी हाथों में है तेरे माता ।
             ** सेवक**शरण तुम वक्त की बलिहारिन हो।।३
जय माता दी
**रामसेवक गुप्ता**
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7 Comments

वाह....वाह....वाह👌👌👌👌

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Ramsewak gupta

12-Oct-2021 09:47 PM

Thanks

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Mukesh Duhan

12-Oct-2021 03:58 PM

बहुत सुंदर जी

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Ramsewak gupta

12-Oct-2021 09:48 PM

Thanks you

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Ramsewak gupta

12-Oct-2021 09:58 PM

Thanks for like comments

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Swati chourasia

12-Oct-2021 03:21 PM

Very beautiful 👌

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Ramsewak gupta

12-Oct-2021 10:00 PM

बहुत बहुत धन्यवाद आपका

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