दिखावा
दिखावा
शादी महंगी हुई बहुत दिखावा करते खूब
सारी जमा पूंजी लगाएं माने नहीं महबूब
यह कैसा है रोग इलाज करो कोई इसका
कर लो कितना भी खर्चा कमी तो रह ही जाए।
ढूंढो इसका समाधान भैया लोग कैसे ताने मारे
जिसके पास नहीं है पैसा वह कैसे कर पाए
कैसे करें व्यवहार बंद करो यह व्यर्थ दिखावा
दो दिलों का मेल है शादी दिल तो दिल को भाया।
शादी तो शादी है देखो कम लोगों में कर लो
सामान्य सा व्यवहार है परेशान ना तुम अब हो।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
Shashank मणि Yadava 'सनम'
29-Jul-2023 06:46 AM
सुन्दर सृजन
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Reena yadav
28-Jul-2023 09:57 PM
👍👍
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HARSHADA GOSAVI
28-Jul-2023 04:55 PM
Beautiful poem
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