Mamta tiwari

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सावन



सावन----

आया सावन झूम के,हरियाली बिखराय ,
बागों में झूले पड़े, सखियां कजरी गाय।

भीगी भीगी है धरा , मयूरा करे किलोल।
बूंद बूंद बरसात का ,रिमझिम मीठे बोल।

ऋतु पावस मन मोहना, आया सावन माह।
सेवा कर ले शंभु का ,शमन करेगे दाह।

रुनझुन रुनझुन पैजनी, तीज और त्यौहार,
हाथ रचा कर मेंहदी ,नार करे सृंगार।

मधुकर उपवन में फिरे फूल खिले छतनार,
छटा निराले बाग के सावन दिया निखार।

बादल का काजल रचा,सजी बरखा बहार।
लख कजरारी नैन से झड़ी लगाती धार।
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ममता तिवारी "ममता"(छत्तीसगढ़)



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1 Comments

खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति विचारों की

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