गीत
गीत:
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हक़ीक़त भूल कर के हम,तेरे ख़्यालों मे जी लेंगे,
नज़दीक जान कर तुझको, तेरी बातों मे जी लेंगे।
पता क्या था लक़ीरों मे नाम ही नहीं था तेरा,
अपना समझ तुझको हम तेरे ख़्वाबों में जी लेंगे।
ज़ुबानी बात करते हैं वो ज़ालिम प्यार क्या जाने,
हम तो प्यार का अपने असर तुझको दिखा देंगे।
इज़हार -ए- प्यार करते हैं,चाहे चर्चा ये आम हो जाय,
इल्ज़ाम ये ज़माने का हम अपने सर पे ले लेंगे।
तेरी तश्नगी की ताज़ील की भी ख़बर है हमको,
प्यार मे धीरज भी रखना,हम तुमको सिखा देंगे।
तश्नगी.....प्यास
ताज़ील....उतावला पन
आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़
Mohammed urooj khan
31-Jul-2023 03:52 PM
शानदार 👌👌👌👌अब अच्छा किया आपने उर्दू को हिंदी में लिख कर 🙏🙏🙏
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