Usha sharma

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लेखनी प्रतियोगिता -31-Jul-2023

शीर्षक:चौखट 

पलकों की  चौखट पर ख्वाब टकटकी लगाए हैं रहते  
नैन भी नींद के आगोश में जाने इंतज़ार किए हैं रहते। 

तन्हाई के आलम में अक्सर यादों के चुभते हैं शूल,
विरह के पलों में बैठकर हम, मन ही मन हैं पिघलते।

अल्फ़ाज़ सभी मौन हुए, कलम से रूठे रूठे रहते,
हर महफिल ए शबाब बेरौनक, बुझे से चराग लगते। 

दुनिया ही बेरंग हुई तुम जब से जुदा हो गए सनम,
दिल में बसर हर पल अब उदासी के साये हैं रहते। 

काश!पढ़कर शायरी मेरी तुम होले से बहला ज
जिंदगी भर यूँ खुशियों संग महफूज़ तुम ही रहती हो।
©उषा शर्मा ✍️ 

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5 Comments

Babita patel

01-Aug-2023 06:50 PM

Awesome post

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बेहतरीन अभिव्यक्ति

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Milind salve

01-Aug-2023 07:40 AM

V nice

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