वानी

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फ्लैशबैक

चैप्टर 29

अब तक आपने पढ़ा शौर्य बताता है की उसे मीरा पर भरोसा है मीरा बताती है की राहुल निकिता का बेटा है जब वो उनसे मिली सिद्धार्थ के घर में आग लगी थी


अब आगे

मीरा की आवाज़ लडखडा रही थी..

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फ्लैशबैक..

दस साल पेहले भोपाल..

मीरा एक लड़की को देखते ही उसके पास दौड़ कर जाती है उस लड़की की बॉडी से बहुत खून निकल रहा था लेकिन उस हालत मे भी वो बहुत खूबसूरत लग रही थी..

मीरा घबराई हुई उससे कहती है "निकिता दी आपको क्या हुआ है ये आग कैसे लगी प्लिज़ बताइये ना क्या हुआ है आपको दी, आप ना मेरे साथ होस्पिटल चलिए"

मीरा उसे उठाने की कोशिश करते हुए कहती है तो निकिता कहती है "नही मीरा मै तेरे साथ नही जा सकती हू ,लेकिन अपने इन आखरी समय मे मै तुझसे कुछ मांगना चाहती हू ,क्या तु मुझे देगी बोल मीरा देगी मुझे"

छोटी सी मीरा रोती हुई कहती - "हाँ दी क्या करना है बोलो"

निकिता - "मेरी बात ध्यान से सुन मीरा ये बेग ले (मीरा को एक काले रंग का बैग देते हुए) इसमे एक डायरी है उसे पढ़ लेना और जब सिद्धार्थ बड़ा हो जाए उसे सब बता देना और कहना वो अपनी बहन का बदला ज़रूर ले, इसमें प्रोपर्टी के पेपर्स भी हैं, और तुझे एक ज़िम्मेदारी दे रही हू ,वो देख मीरा,वहाँ एक बच्चा है" निकिता उसे बुलाती है वो छोटा सा बच्चा निकिता के पास आता है और रोने लगता है!

"मम्मा आपको क्या हुआ है"

निकिता प्यार से उसके गालों को सहलाती हुई कहती है - "बेटा आज से ये आपकी माँ है"

मीरा को देखकर कहती है "ये मेरा बेटा है चार साल का है"

निकिता उस छोटे से बच्चे का हाथ मीरा के हाथ मे दे देती है.. और मीरा की और देखते हुए कहती है - "मीरा ये मेरे और उस इंसान का बेटा है जिसने मुझसे मेरे माँ, बाप छीन लिए और अब वो मेरे बेटे को मुझसे छिन्ना चाहता है,मै जानती हू मीरा बहुत बड़ी कीमत मांग रही हू लेकिन वादा कर मुझसे की मेरे भाई सिद्धार्थ और मेरे बेटे को सही सलामत रखेगी अब्रॉड मे हमारी प्रोपर्टी है जिसके बारे मे कोई नही जनता उसके पेपर इस बैग मे है तु क्या करेगी कैसे करेगी मुझे नही मालूम"

फिर एक गहरी सांस लेकर कहती है "सिद्धार्थ यहाँ आने ही वाला है उसे रोक यहाँ आने से, और एक बात महेंद्र और उसका बाप सिद्धार्थ को मारना चाहते हैं, सिद्धार्थ और मेरे बेटे को भी इन दोनो को आज, मै निकिता ओब्रोय तेरे हवाले करती हू ,इनकी जिंदगी का फैसला अब तु करेगी और मेरी एक बात याद रखना मीरा आज से राहुल तेरा बेटा केहलायेगा..और एक माँ दुनिया मे सबसे ताकतवर होती है मेरी दोनो अमानत और उनकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी मै तुझे सौंपती हूं, अच्छा इस बैग मे एक बॉटल है उसमे दवाई है मुझे पिला दे मुझे आराम मिलेगा.. छोटी मीरा बहुत रो रही थी उसने बिना जाने समझे निकिता को वो दवाई पिला दी"

निकिता ने दवाई पी और मीरा को मुस्कुरा कर देखती हुई बोली "तु समझदार है मीरा, इसमे मोबाइल भी है तेरे लिए और शौर्य का दोस्त सिद्धार्थ मेरा भाई है अब जा यहाँ से चली जा.."

मीरा रोते हुए "दी आप भी मेरे साथ चलो"

निकिता - "नही मीरा गलती की है सज़ा तो भुगतनी होगी ना".. तभी कुछ लोगो की आवाज़ आती है उधर देख उधर निकिता उसे धक्का देते हुए कहती है "जा मीरा चली जा यहाँ से.."

मीरा राहुल का हाथ पकड़ लेती है "भागो राहुल" वो दोनो चले जाते है मीरा थोड़ी दूर जाके रुक जाती है फिर कुछ सोच कर वापस आ जाती है..

और निकिता का हाथ अपने हाथ मे लेते हुए कहती है "आज इस आग मे मैं मीरा खुद को खतम करती हु आज से मीरा मर गई और आज से सिर्फ श्रेया रहेगी राहुल की माँ बन कर रहूँगी अपना खयाल रखना दी आपसे किया हर वादा निभायेगी ये आपकी छोटी मीरा" फिर मीरा वहाँ से चली जाती है..

राहुल को गोद मे उठा लेती है ( वो पहली बार था जब मैंने राहुल को गोद मे लिया था उसकी नाक और उसके होंठ बिल्कुल दीदी जैसे थे) मीरा सब्जी मंडी मे जाती है और वहाँ एक दुकान मे जाती है जहाँ एक औरत फूल बेच रही थी..

और उनसे कहती है "ऑन्टी ये कुछ पैसे हैं आप रख लीजिये लेकिन जब तक मै वापस नही आती इसे छुपा दीजिये"

वो औरत उस बच्चे को देखकर पूछती है "कोन है ये, किसका बच्चा चुरा कर लाई है" मीरा कुछ कहती उससे पहले ही राहुल कहता है

"ये मेरी मां है ऑन्टी" मीरा उसके मुह से खुद के लिए माँ सुनके उसकी आँखे नम हो जाती है वो उसे गले लगा लेती वो औरत कहती है "ठीक है "

मीरा उसे शुक्रिया कहती है और राहुल की तरफ मुड़ जाती है "राहुल जब तक मै नही आती हु कही मत जाना चाहे जो हो जाए"

राहुल - "ठीक है मां" कहता है वो उसे वहाँ छुपा देती है और वहाँ से चली जाती है वो फोन निकालती है जो उसे निकिता ने दिया था उसमे से वो सिद्धार्थ का नंबर निकालती है और उसे कुछ कहती है और उसी फोन की मदद से प्लेन की टिकेट बुक करती है..

तभी सामने से उसे सिद्धार्थ आता हुआ दिखता है वो उसे देखकर चौक जाता है "तुम यहाँ क्या कर रही हो" मीरा उसे समझाते हुए कहती है "सिद्धार्थ मेरी बात ध्यान से सुनो तुम आज अब्रॉड जाओ"

और उसे बैग देते हुए कहती है "इसमे वहाँ की प्रोपर्टी और कंपनी के पेपर्स है और जब तक मै ना कहु तुम वापस इंडिया नही आओगे!"

सिद्धार्थ कॉन्फूज हो जाता है "लेकिन मै तुम्हारे कहने से क्यों जाऊ" मीरा अपना सर पकड़ लेती है फिर कुछ सोच कर कहती है अगर तुम नही गए तो वो लोग तुम्हे मार देंगे मुझे दीदी ने भेजा है तुम्हे भागने के लिए!

सिद्धार्थ कुछ पूछता तभी वहाँ कुछ लोग आ जाते हैं "ये रहा उसका भाई पकड़ इसे"

मीरा झट से सिद्धार्थ का हाथ पकड़ती है और भागने लगती है वो दोनो भाग कर एक पुराने खंडर मे छुप जाते हैं.. सिद्धार्थ कहता है "ये लोग कौन हैं और मुझे क्यों मारना चाहते हैं"

मीरा थोड़ी देर खामोश रहती है फिर कहती है बिजनेस से रेलटेड दुश्मनी है सिद्धार्थ पूछता है "मेरी फैमिली कहा है " उसकी बात सुन मीरा की आँखे नम हो जाती हैं वो खुद को स्ट्रांग करने की कोशिश करते हुए कहती है..

आगे क्या हुआ जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी "एक मां ऐसी भी" मिलते हैं अगले चैप्टर में

वानी #कहानीकार प्रतियोगिता

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