वानी

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निकिता की चिट्ठी

चैप्टर 33 निकिता की चिट्ठी

अब तक आपने पढ़ा मीरा महेंद्र को चकमा देकर निकल जाती है और दिल्ली आ जाति है मीरा ने अपने घर वालों को बताया की वो मर चुकी है राहुल की याददाश्त चली गई है निकिता की लिखी चिट्ठी भी बताती है और जाने लगती है


अब आगे

सिद्धार्थ कहता है "मेरी बहन ऐसी नही थी की सारी ज़िम्मेदारी तुम्हे दे गई हो मेरे लिए कुछ तो दिया होगा"

मीरा अंजान बनते हुए कहती है "नही मेरे पास ऐसा कुछ नही है"

सिद्धार्थ कहता है " ऐसा नही हो सकता मीरा मुझे जानना है और तुम्हारी नजरे बता रही है तुम झुट बोल रही हो"

मीरा थोड़ा उदास होके कहती है "लेटर दिया था उन्होंने, जो डायरी मे था, है मेरे पास लेकिन मैं तुम्हे धर्म संकट मे नही डालना चाहती इसलिए जितना मै बता सकती थी बता चुकी हु अब कुछ नही है मेरे पास बताने के लिए"

मीरा वहाँ से जाने लगती है तभी सिद्धार्थ कहता है "मीरू उस चिट्ठी पर मेरा हक है, मुझे वो चाहिए"

मीरा अपने कमरे मे जाती है और एक इंवेलोप लाकर सिद्धार्थ को दे देती है..

सिद्धार्थ वो चिट्ठी पढ़ना शुरू करता है जैसे जैसे वो चिट्ठी पढ़ता जा रहा था उसके आंसू बहते जा रहे थे.

"मेरे प्यारे छोटे भाई "

"जानती हु ये खत तुम्हे मीरू ने बड़ी मुश्किल से दिया होगा बहुत ज़िदी है ये" लेकिन बहुत भोलि और प्यारी है जानती हु जो गलती मैने की है उस गलती की माफी नही है लेकिन फिर भी कर सको तो माफ कर देना सब कुछ तुम्हारे नाम है दुआ करती हु जहा रहो खुश रहो"

मीरू ने तुम्हे सब बता दिया होगा लेकिन जो उसने नही बताया वो मै बताती हु

उसने अंजाने मे मुझे वो ज़हर पिलाया इसमे उसकी कोई गलती नही है उसने नही बताया होगा वो शौर्य से प्यार करती है और मै जानती हु उसने अपनी जिंदगी तुम दोनो के नाम कर दी है.

उसने हमेशा अपनी ज़िम्मेदारी निभाई होगी अगर तुम मेरा खत पढ़ रहे हो मतलब वो ठीक है एक वादा करो अगर शौर्य उसे ना अपनाये और अगर वो आज भी अकेली है तो उससे शादी कर लेना और उसे खुश रखना मुझे माफ करना मेरे भाई  तुम्हारा भरोसा तुमहारा घमंड तोड़ दिया मैने लेकिन क्या किसी से प्यार करने की यही सज़ा होती है,,,

"तुम भाई हो मेरे और बहुत प्यार करती हु मै तुमसे बड़े आदमी बनना" और उस महेंद्र सिंह को मत छोड़ना अपनी बहन को माफ कर देना इस दुनिया मे तुम्हे अकेला छोड़ कर चली गई,,,

"अपना खयाल रखना" और इस पागल मीरू की बात मत मानना बिना किसी मतलब के अपनी जिंदगी तुम दोनो के नाम कर दी और मेरे बेटे को अपना लेना सिद्धार्थ बहुत छोटा था वो जब मीरू को सोम्प् दिया था मैने, उसके होते तुम दोनो की चिंता नही है मुझे लेकिन उसने बहुत कुछ खोया है सिद्धार्थ तुम आज जिस भी मुकाम पर हो उसकी बदोलत हो और इंडिया में एक बार फिर तुम्हारा स्वागत है अब तुम सब ये मत सोचना की मुझे कैसे मालूम मुझे उसके बारे मे मालूम है वो कहाँ तक सोच सकती है.. मेरे पास वक़्त नही है अपना और सबका ध्यान रखना और अगर शौर्य हो तो उसे कहना निकिता दी उसके लिए दुआ करेगी की उसका गुस्सा थोड़ा कम हो जाए और हाँ वो बहुत अच्छा है अगर शौर्य मीरू का हो जाए तो मुझे बहुत खुशी होगी.

टेक कैर मेरे छोटे भाई..

"तुम्हारी निकिता दीदी"

सिद्धार्थ घुटनों पर बैठ के रोने लगता है और रोते हुए कहता है "माफ करना दीदी मै आपको नही बचा पाया" उसे ऐसे रोता देख शौर्य उसे गले लगा लेता है सिद्धार्थ उसके गले लगकर और रोने लगता है "शौर्य उसने मेरी भोलि सी बहन के साथ बहुत गलत किया,मै उसे कभी माफ नही करूँगा" शौर्य उसे संभाल कर रूम मे जाने का बोल देता है

ये सब सुनकर राहुल चुप चाप अपने कमरे मे चला जाता है रिहान भी उसके पीछे चला जाता है मीरा भी अपने कमरे मे चली जाती है..

शौर्य राहुल के कमरे मे जाता है राहुल खामोश नजरो से बाहर के अंधेरे को देख रहा था, रिहान उसके साथ खडा था वो भी नही समझ पा रहा था की वो क्या कहे क्या करे तभी वहाँ शौर्य आ जाता है और राहुल के बगल मे खडा हो जाता है राहुल एक नज़र उसे देखता है फिर कहता है

"मै बहुत बुरा हु ना, आपको गुस्सा आ रहा होगा ना,मेरी वजह से आपने, माँ ने मामा, ने और मेरी मम्मा, ने कितना कुछ झेला  है आपको पता है वो सही कहते है सारे फसाद की जड़ मै हूँ, अगर मै नही होता तो माँ और आप साथ होते मम्मा जिंदा होती और मामा अपना देश नही छोड़ कर जाते सब ठीक होता" राहुल की आँखों मे आँसू थे

शौर्य उसके कंधे पर हाथ रखता है तो राहुल एक दम उसके गले लग कर रोने लगता है और कहता है "वो क्यों मेरे डेड हैं मुझे उनका नाम नही चाहिए, मुझे उनकी पहचान नहीं चाहिए मै क्यों उनका बेटा हु उन्होंने मुझसे मेरी मम्मा छीन ली"

फिर शौर्य से थोड़ा दूर होके कहता है "आप तो प्यार करते हैं ना उनसे आप उन्हे अपने साथ ले जाइये और मुझे मार दीजिये सब ठीक हो जायेगा" शौर्य उसे बेड पर बिठाता है और कहता है "जो भी हुआ उसमे तुम्हारी गलती नही है,तो खुद को दोष मत दो, इंसान कभी भी बुरा नही होता, तब तक जब तक वो कोई गलत काम नही करता तुम बुरे नही हो, हाँ मै प्यार करता हु उससे,मैने उससे शादी भी कर ली है लेकिन उसे बिना बताये, पता है तुम्हारे अलावा वो किसी को नही चुनेगी, और अगर मै उससे शादी करने के लिए कहता तो वो कभी नही मानती इसलिए मैने उसे बिना बताये उससे शादी की है"

शौर्य उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहता है "तुम्हारे अंदर उसका जिन है बस यही वजह काफी नही है की वो तुम्हारा बाप है, तुम्हारे नाम के पीछे अब मेरा नाम होगा तुम राहुल शौर्य सिंघानिया हो ,मै तुम्हे फोर्स नही करूँगा तुम समझदार हो जब तुम्हे लगे तुम मुझे अपना डेड बुला सकते हो लेकिन , उसे मै तुम्हारे या मीरा के पास भी नही आने दूंगा ,जो हुआ उसे मै नही बदल सकता लेकिन अब तुम दोनो को और छुपने की ज़रूरत नही है, आराम करो अब सब ठीक होगा"

शौर्य वहाँ से चला जाता है रिहान राहुल से कहता है....

ये सचाई क्या बिखेर देगी मीरा के सारे रिश्तों को? क्या अब सब ठीक हो जायेगा? क्या राहुल अपनाएगा शौर्य को अपने डैड के रूप में?

आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी "एक मां ऐसी भी"

वानी #कहानीकार प्रतियोगिता

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