गुस्सा
चैप्टर 43 शौर्य का गुस्सा
वेलकम बैक फ्रेंडस....
मीरा कहती है "आपने अपनी दोस्ती निभाई है रंधीर जी"
एक वादा और चाहती हु और ये वादा मै आपको और अबीर जी से मिलकर बताऊंगी रंधीर अपना सिर हिला देता है
दूसरी तरफ राहुल और रिहान क्लास से रिज़ल्ट लेकर बाहर जा रहे थे तभी उनके सामने से उनका सीनियर आ जाता है और हस्ते हुए कहता है "देखो ये फिर आ गया,,,आज भी इसकी माँ आई होगी वो भी अकेले"
क्योंकि इसे तो ये भी नही पता की इसका बाप कोन है आस पास के सारे लड़के हसने लगते हैं तभी पीछे से एक आवाज़ आती है "शौर्य नाम है इसके बाप का"
और "मीरा शौर्य सिंहानिया नाम है इसकी माँ का" सब उस तरफ देखते हैं तो वहा शौर्य खडा था वो आगे आता है और राहुल के कंधे पर हाथ रखते हुए कहता है "क्या हुआ चैंपियन ,काम हो गया" राहुल मुस्कुराता हुआ कहता है "येस डेड" तो शौर्य उसके बाल बिगाड़ते हुए कहता है "देन लेट्स गो" वो तीनो चले जाते हैं वही सब उसके साथ शौर्य को देख चौक जाते हैं
राहुल पूछता है "डेड आप यहाँ कैसे" तो शौर्य उल्टा उसी से सवाल करता है "तुमने उन्हे कुछ कहा क्यों नही" तो राहुल थोड़ा उदास लहजे मे कहता है मेरी वजह से माँ को सबसे "माफी मांगनी पड़ती है इसलिए" शौर्य रुक जाता है फिर उसे देखते हुए कहता है "गलत करना बुरी बात है"
"लेकिन गलत को सहना उससे भी गलत है" और रही बात तुम्हारी माँ के माफी मांगने की तो अब वो किसी के सामने कभी नही झुकेगी "और नाही मेरा चैंपियन" तीनो मुस्कुरा देते हैं और आगे बढ़ जाते हैं शौर्य चलते हुए कहता है मै तुम्हारी माँ को ढूंढ रहा था तो मुझे तुम दिख गए
वो मीरा के पास आते हैं फिर सब ऑफिस मे चले जाते हैं शौर्य को देख प्रिंसिपल एक दम से खड़े हो जाते हैं और उसे ग्रिड करते हुए कहते हैं "मिस्टर सिंघनिया आप यहाँ,, मुझे बुला लेते" शौर्य प्रिंसिपल से कहता है "जैसे सभी बच्चों को उनके टीचर अटेंड कर रहे हैं वैसे ही राहुल को भी करना चाहिए और ये कैसे करना है ये आप अच्छे से जानते हैं हम बाहर इंतज़ार कर रहे हैं"..
प्रिंसिपल डरते हुए कहता है "मिस्टर सिंघनिया माफ करिये"
लेकिन कोई भी टीचर मीरा जी से मिलना पसंद नही करते हैं इसलिए "मै ही हर बार इनसे मिलता हु" उसकी बात सुन शौर्य मीरा की तरफ देखता है जो सिर झुका कर खड़ी थी
उसको उदास देख शौर्य को गुस्सा आ जाता है वो राहुल से कहता है "अपनी क्लास मे ले चलो" मीरा मना करते हुए कहती है "जाने दीजिये कोई बात नही"
रंधीर प्रिंसिपल से कहता "जिस स्कूल के टीचर ही ऐसे हो वो बच्चो को सही शिक्षा कैसे देंगे ,आपको ऐसे टीचर को रखना ही नही चाहिये"
शौर्य तेज आवाज़ मे कहता है "राहुल मैने कहा क्लास मे चलो अपनी" राहुल आगे बढ़ जाता है लेकिन मीरा अपनी जगह से नही हिलती है शौर्य उसका हाथ पकड़ लेता है और उसे खीचते हुए ले जाता है मीरा चुप चाप चलती जाती है राहुल अपनी क्लास मे जाता है और उसी के पीछे शौर्य मीरा रंधीर रिहान भी
सामने एक लेडी टीचर की तरफ इशारा करते हुए राहुल कहता है "ये हमारी क्लास टीचर हैं " शौर्य एक नज़र उसे देखता है और मीरा का हाथ पकड़ते हुए कहता है "हेल्लो आई एम शौर्य सिंघनिया"
फिर मीरा की तरफ इशारा करते हुए कहता है "शी इज़ माई वाइफ मीरा शौर्य सिंघनिया"
फिर राहुल की तरफ इशारा करते हुए कहता है "ही इज़ माई सन राहुल मीरा शौर्य सिंघनिया " उसका इंट्रोडक्शन सुन सब खामोश हो जाते हैं शौर्य गुस्से मे कहता है
"तुम औरते खुद अपनी दुश्मन हो" अगर एक बच्चे के बाप का नाम नही है तो "क्या वो औरत खराब हो गई हाँ" बच्चे पर माँ का अधिकार बाप से ज़ादा होता है और उसके लिए उसकी माँ का नाम भी काफी होता है.. बाप का नाम ना होने से कोई औरत केरक्टेरलेस नही हो जाती ,लेकिन तुम ये बात नही समझोगी क्योंकि तुम खुद एक केरक्टेरलेस औरत हो" उसकी बात सुन वो टीचर चौक जाती है तभी शौर्य फिर कहता है "ये मेरा स्कूल है और यहाँ के हर एक इंसान की खबर होती है मुझे"
"और तुम आज ही अपना इस्तीफा दोगी" उसकी बात सुन मीरा चौक जाती है और शौर्य का हाथ पकड़ लेती है "प्लिज़ ऐसा मत करिये वो टीचर है" शौर्य मीरा को घूरते हुए कहता है "जिसे सही गलत का ज्ञान नही वो बच्चो को क्या सिखायेगी इसे यहाँ से जाना होगा"
मीरा उसके सामने भोला सा चेहरा बनाते हुए कहती है "प्लिज़" शौर्य को उसकी शकल देख बहुत गुस्सा आता है लेकिन वो उसकी बात टाल नही सकता था इसलिये वो कहता है "मै तुम्हे ये आखरी वार्निंग दे रहा हूँ दुबारा ऐसा ना हो.."
फिर सबको देखते हुए कहता है "हमारी लडाइ क्या हो गई दुनिया ने तो तमाशा ही बना दिया" फिर क्लास से चला जाता है वही रंधीर राहुल और रिहान शोक मे खड़े थे
मीरा शौर्य के पीछे चली जाती है, शौर्य प्रिंसिपल ऑफिस जाता है और प्रिंसिपल से राहुल के बारे मे बात करता है और बाहर आ जाता है सब बाहर उसका इंतज़ार कर रहे थे रंधीर मीरा को अकैडमी जोइन करने के लिए केहकर घर चला जाता है
वो सब घर आ जाते हैं शौर्य उन्हे घर छोड़ कर ऑफिस चला जाता है...
सब ठीक चल रहा था मीरा भी अब ठीक होगई थी सुबह मीरा उठती हैं तो देखती है वहाँ शौर्य नही होता वो तैयार होकर किचेन मे चली जाती है और खाना बनाने लगती है उसके घर बहुत सी मेड थी लेकिन फिर भी खाना मीरा ही बनाती थी
शौर्य किचन मे आता है तो मीरा को देखता है जिसने साड़ी कमर मे लपेटी होती है और कुछ बना रही होती है शौर्य इशारे से सबको बाहर जाने के लिए कहता है, तो सब बाहर चले जाते है शौर्य मीरा के पास आता है और उसे पीछे से बाहों मे भर लेता है....
आगे की कहानी जानने के लिए बने रहिये मेरे साथ मिलते है नेक्स्ट चेप्टर मे......बाय बाय
वानी
#कहानीकार प्रतियोगिता