Vishal Ramawat

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फ़र्ज(भाग:-11)

विक्रम मीरा की तरफ घूमा और उसने कहा "साली हरामजादी! तेरी इतनी हिम्मत की तूने विक्रम आचार्य पर हाथ उठाया..."! इतना कहकर विक्रम ने मीरा को एक पंच मारना चाहा, पर मीरा झुक कर घूम गयी और विक्रम के पीछे आ गई. उसने एक कुर्सी उठाई और विक्रम की पीठ पर दे मारी. कुर्सी टूट गई और विक्रम घुटनों के बल जा गिरा. उसे देख कर उसके दोस्तों एक कदम पीछे हठ गए। मीरा , विक्रम के  सामने आ गई ।

विक्रम ने उसे दर्द भरी आंखों से देखा. तो मीरा ने टूटी हुई कुर्सी का पाया उठाया और विक्रम के मुंह पर दे मारा । विक्रम नीचे गिर गया. मीरा ने पाया फेंका और विक्रम के पास हाथ झाड़ते हुए बैठ गई. फिर उसने कहा "डोंट वरी...तू मरेगा नहीं...इतने सालों से मुझे मार्शल आर्ट का एक्सपीरियंस तो है कि कितना मारने तक आदमी नही  मरता है। सभी की नजर मीरा ओर विक्रम पर थी तभी विक्रम के एक साथी ने पीछे से मीरा के ऊपर हमला करना सहा. मीरा ने पीछे गुमकर उसके चेहरे पर एक पंच दे मारा जिससे उसकी नाक से खून निकलने लगा। और वो अपनी नाक पकड़कर नीछे गिर गया। विक्रम ने मौका देख पलक को मारने में लिए उस तरफ बड़ा ही था कि मीरा ने उसे देख लिया और वापस उसे मारने लगी। विक्रम मार खाते हुए नजर अभिमन्यु पर पड़ी और वो मीरा से बचते हुए अभिमन्यु की ओर दौड़ा ओर उनके पीछे छुपते हुए बोला अभिमन्यु  प्लीज् मेरी हेल्प करो यह पागल लड़की मुझे मार देगी। प्लीज सेव मि...

अभिमन्यु को पहले तो कुछ समझ नही आया पर कुछ देर बाद जब उसने दिमाग पर जोर दिया तो उसे याद आया कि उसने 3 साल अभिमन्यु रात के समय जंगल से गुजर रहा था उस टाइम उसकी नजर सड़क किनारे खड़ी एक  कार पर पड़ी। कार के आगे का बोनट खुला हुआ था और उस मेसे धुआ निकल रहा था। कार में एक लड़का बेठा हुआ था। अभिमन्यु ने हॉर्न बजाया जिसकी आवाज सुन कर वो लड़का बार आया और बोला मेरा नाम विक्रम आचार्य हैं प्लीज् मेरी हेल्प करिये मैं पिछले 3 धण्टे से गाड़ी का इंतजार कर रहा था मेरी गाड़ी खराब हो गयी है पर कोई गाड़ी ही नही अब तक आई ।  अभिमन्यु ने उसे लिफ्ट दी और रास्ते मे उसने अभिमन्यु का नाम पूछा तो अभिमन्यु ने बस  अपना नाम बताया।

यह देख मीरा को ओर ज्यादा गुस्सा आया और वो अभिमन्यु की बड़ी उसने अभिमन्यु के पीछे छुपे विक्रम को पकड़ना चाहा पर विक्रम अभिमन्यु के पीछे छिप रहा था  । मीरा ने एक बार ओर कोशिश की इस बार अभिमन्यु बीच मे आ गया वो कुछ बोलता उससे पहले ही मीरा ने उसे एक थप्पड़ मार दिया ओर उसे अंगुली दिखाते हुए बोली तुम्हारे जैसे लोगो की वजह से ही आज कल लडकियो का घर से बाहर निकलना  मुश्किल हो गया है। अकेली लड़की देखी नही की उसके साथ छेड़छाड़ करनी शुरू कर दो यार फिर उसे अपने से नीचे दबा दो।

मीरा आगे कुछ कहती इससे पहले ही मोहित ने आकर पीछे से उसे पकड़ लिया। मोहित पलक की देखते हुए बोला क्या हुआ पलक , पलक ने उसे पूरी बात बता दी जिसको सुन कर मोहित भी गुस्सा हो गया। वो भी विक्रम को मारने के लिए उस ओर बढ़ने लगा सुल्तान ने उसे पकड़ लिया और सुल्तान बोला आपकी दोस्त ने इनकी अच्छे से पिटाई कर ली है मोहित ने सुल्तान की बात सुनकर विक्रम की ओर देखा जिसका मुँह बुरी तरह से सुजा हुआ था और उनकी नाक से खून निकल रहा था। उसके एक साथी की  भी यही हालत थी। इसलिए उसने मीरा को अभिमन्यु से दूर किया । तभी जय मोहित से बोला मैनेजर ने शायद पुलिस को फोन कर दिया है आप अपनी दोस्त को लेकर यहाँ से निकल जाए नही तो फालतू  पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाने पड़ेंगे। पलक ने भी जय की बात पर सहमति जताई ओर मोहित से बोली चलो यहाँ से। पलक ओर मोहित, मीरा को जबरदस्ती खींच कर रेस्टोरेंट से बाहर ले गए मीरा की आँखे गुस्से में अभिमन्यु को गुर रही थीं पर वो कुछ बोला नही बस शान्ति से मीरा को देख रहा था।

तीनो बाहर आ गए मीरा बहुत गुस्से में थी पलक ने काफी मुश्किल से उसे शांत करवाया और तीनो अपने घर की ओर चल पड़े । मोहित ने पहले मीरा ओर पलक को घर छोड़ा फिर वहाँ से अपनी बाइक से अपने घर गया। विक्रम   मौका देख जल्दी से वहाँ से भाग गया। जय ओर सुल्तान , अभिमन्यु से एक साथ बोले की तूने उस लड़को को क्यों बचाया उस लड़की से। वो सही कर रही थी उसके साथ । लड़के ने काम ही मार खाने वाला किया था। ओर वो लड़का तुझे कैसे जानता था।

अभिमन्यु बोला 3 साल पहले मिले थे उसका नाम शायद विक्रम आचार्य है । उसकी गाड़ी खराब हो गयी थी जंगल मे  और मैने उसे लिफ्ट दी थी। इसी लिए  वो मुझे जानता है परंतु मैं उसकी हेल्प नही कर रहा बल्कि वो मेरे पीछे आकर छुपा था। क्या नाम था उस लड़की का जय बोला मीरा, हा मीरा वो तो बिना मेरी बात सुने अपना स्पीकर चालू कर दिया ओर तो ओर मुझे अभिमन्यु सिंह को थप्पड़ तक मार दिया छोडूंगा नही मैं उस मीरा की बच्ची को।

तीनो वहाँ से निकल कर कैम्प पहुंचे ओर आराम करने अपने अपने कमरे में चले गए।  अगले  दो दिनों तक वो तीनो परेड की तैयारी ओर सुरक्षा की व्यवस्था देखने मे busy रहे। एक शाम ड्यूटी से फ्री होकर तीनो अपनी जीप लेकर घूमने निकल पड़े।

मीरा ओर पलक सोफे पर बैठ कर कॉफी पी रही थी पलक के बुक पढ रही थी और मीरा अपना फोन चला रही थी। तभी अचानक मीरा जोर से चिलाने लगी और नाचने लगी।  पलक ने पूछा क्या हुआ तो मीरा उसके भी हाथ पकड़ कर अपने साथ  डांस करवाने लगी। मीरा बोली अभी कॉलेज ग्रुप में मैसेज  आया कि 26 जनवरी के बाद 10 दिनों की छुटियाँ है । यह सुन कर पलक भी खुश हुई । मीरा ने जल्दी से मोहित को कॉल किया मीरा कुछ बोलती उससे पहले ही मोहित बोला, हा देख लिया मैसेज ओर मैं तो वैसे भी छुटी लेने वाला था क्योंकि मुझे मम्मी पापा के साथ शादी में जाना है। यह सुन कर मीरा बोली अच्छा यह बात है तो फिर ठीक है मैं पलक को अपने साथ अपने घर लेकर जाऊँगी। मीरा बोली चल आजा शॉपिंग करने चलते हैं तीनो । वो बोला नहीं मैं अभी बाहर हु इसलिए नही आ सकता एक काम करो तुम दोनों चली जाओ।

मीरा ने पलक को राजी किया अपने साथ चलने के लिए ओर दोनो चल पड़ी शॉपिंग करने मीरा की बाइक से। मॉल की पार्किंग में आकर मीरा ने बाइक रोकी तो उसकी नजर पास खड़ी आर्मी जीप कर गयी जिसको देख कर उसके चेहरे में प्यारी सी मुस्कान आ गयी। उसने अपने हाथ से जीप जो छुआ ओर मॉल के अंदर चली गयी। पहले उसने पलक के लिए एक ब्लू कलर का फुल गाउन लीया ओर अपने लिए एक ब्लू जीन्स ओर एक शर्ट लिया। उसको अपने लिए कुछ अलग चाहिए था पर वो मिल नही रहा था। तभी उसकी नजर पास वाली शॉप के अंदर रखे ब्लैक कलर के एक जैकेट पर गयी वो जैकेट उसे देखते ही पसंद आ गया। मीरा शॉप से निकल कर पास वाली शॉप में आ गई उसकी नजर अभी भी उस जैकेट पर थी वो उसे लेने के लिए हाथ डालती उससे पहले की किसी ने वो जैकट ले ली। मीरा की नजर उस शख्स पर पड़ते ही उसका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया था यह था अभिमन्यु। मीरा अभिमन्यु को पहचान गयी थी। मीरा अभिमन्यु के पास जाकर बोलती है इस जैकेट को पहले मेने देखा था इसलिए इसे मैं ही ख़रीद दूँगी। अभिमन्यु बोलता है तुमने देखी होगी पर हाथ मे मैंने ली है और शायद तुम भूल रही हो यह मेंस शॉप है ओर वैसे भी यह जैकेट तुम्हारे किसी काम की नही है। मीरा , अभिमन्यु को अपने जैकट की तरफ इशारा करती हुई बोली देख रहे हो यह भी जेन्स है। और तुम होने कौन मुझे यह बताने वाले कि मैं क्या पहनू ओर क्या नही। मीरा ने अभिमन्यु के हाथ से जैकट खींच ली अभिमन्यु इसके लिए तैयार नही था। अभिमन्यु मीरा की इस हरकत को बस देखता ही रह गया। अभिमन्यु को होश आया और उसने मीरा से जैकेट वापस ले लिया।

पलक ने चैंजिंग रूम कपड़े ट्री करते हुए  मीरा को बुलाया पर जब उसकी आवाज नही आई तो वो रूम से बाहर आ गयी। उसने देखा की मीरा वहाँ नही है तो वो शॉप से बाहर  देखने के लिए निकल गयी जब उसकी नजर पास की शॉप में जमा हुई भीड़ पर गयी तो वो भी उस ओर बढ़ गयी। उधर जय ओर सुल्तान भी अभिमन्यु को ढुढते हुए उस शॉप के पास आ गए। जय बोला पता नही कहा गए कैप्टन दोनो उस  भीड़ को देख ही रहे थे तभी उनको अभिमन्यु की आवाज आई......

कमशः

।। जयसियाराम ।।

@vishalramawat

Note:=  देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ।

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1 Comments

Mohammed urooj khan

18-Oct-2023 10:53 AM

👌👌👌👌

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