Vishal Ramawat

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फ़र्ज(भाग:-12)

जय ओर सुल्तान उस भीड़ की ओर बड़े रास्ते मे उन्हें पलक भी मिल गई। तीनो ने जैसे ही भीड़ को अलग किया तो सामने कैप्टन ओर मीरा को बहस करते हुए देखा। पलक मीरा के पास गयी और जय ओर सुल्तान अभिमन्यु के पास गए। पलक ने मीरा से ओर जय, सुल्तान ने अभिमन्यु से पूछा क्या हुआ। अभिमन्यु बोला मुझे यह जैकट पसंद आई और मैने पहले इसे ले लिया पर यह मोहतरमा कह रही है कि इन्होंने इस जैकट को पहले देखा। अभिमन्यु की बात सुन कर मीरा बोली हा तो तुमने पहले ली तो क्या हुआ , पहले देखा तो मैने था इसलिए यह जैकट तो मैं ही लुगा किसी भी हालत में। यह कहते हुए मीरा ने अभिमन्यु के हाथ से जैकेट खींचने लगी उधर से अभिमन्यु ने भी खिंची जिससे जैकेट के बीच मेसे दो भाग हो गए।

एक टुकड़ा अभिमन्यु के हाथ मे ओर एक टुकड़ा मीरा के हाथ मे आ गया। फ़टी हुई जैकट को देख कर  मीरा बोली जो चीज मुझे अच्छी लगी और वो मुझे नही मिली मैं वो चीज किसी ओर को भी नही लेने देती हूं।

अभिमन्यु ने अपने हाथ मे जो जैकट का फटा हुआ टुकड़ा था उसे मीरा के ऊपर फेकते हुए बोला तो लेलो यह जैकेट ओर तुमने ही इस जैकट को फड़ा है इसलिए इसके पैसे भी तुम ही दोगी अब यह कहते हुए वो शॉप से बाहर निकल गया। मीरा बोली मैं क्यों दु पैसे वो भी अभिमन्यु के पीछे पीछे बाहर निकल गयी। शॉप का एक लड़का बोला तो फिर पैसे कौन देगा इसके। जय उसके पास जाते हुए बोला मैं दे दूँगा तभी पलक उसके पास आते हुए बोली आप क्यू दे रहे है पैसे गलती मेरी दोस्त की थी इसलिए मैं देती हूं। जय बोला गलती सिर्फ  आपके दोस्त की नही थी हमारे दोस्त की भी थी।

पलक बोली ठीक है आधे आप दे दीजिए आधे मैं देती हूं। जय ने पैसे निकलने के लिए जैसे ही अपना पर्स निकला उसका id कार्ड नीचे गिर गया । पलक ने उसे उठाया उसने देखा उस पर लिखा हुआ था कैप्टन जयदेव इंडियन आर्मी ऑफिसर उसे पढ़ कर वो बोली आप आर्मी में है । सुल्तान दोनो के पास आते हुए बोला हा हम आर्मी वाले है । पलक बोली वो आपके दोस्त क्या वो भी आर्मी में है। जय बोला हा उनका नाम है कैप्टन अभिमन्यु सिंह । जय ने पलक की तरफ अपना हाथ बड़ाया तो पलक हाथ मिलाते हुए बोली मेरा पलक मिश्रा । जय बोला यह है हमारे दोस्त सुल्तान कुरैशी। पलक ने सुल्तान से भी हाथ मिलाया। जय बोला मैं अभिमन्यु की तरफ से माफी मांगता हूं  आप अपनी दोस्त को बोल दीजिएगा। पलक ने भी मीरा की तरफ से माफी मांगी। पलक ओर जय ने शॉप वाले को पैसे देके बाहर जाने  लगे तभी पलक को याद आया कि उसने अपनी ड्रेस के पैसे ही नही दिये वो उन दोनों को रुकने का बोल कर अपनी ड्रेस के पैसे देकर कपड़े चेंज किये और दोनो के साथ पार्किंग एरिया की तरफ जाने लगे। पार्किंग में जाकर तीनो ने देखा कि मीरा अपनी बाइक पर बैठ कर किसी को घूर रही थी जब तीनो ने उसकी नजरो का पीछा किया तो पाया अभिमन्यु अपनी जीप में बैठे हुए मीरा को देख रहे थे। पलक बोली यह गाड़ी आपकी है, जय बोल हा।

पलक ने दोनों को by बोलकर  मीरा की तरफ गयी और  उसे जबरस्ती अपने साथ लेकर घर के लिये निकल गयी। जय ओर सुल्तान भी अभिमन्यु के पास गए ओर चुपचाप गाड़ी में बैठे कोई कुछ नही बोला। अभिमन्यु ने गाड़ी शुरू की ओर कैम्प के लिये निकल गए। अगले कुछ दिन ऐसे ही निकल गए । आज वो दिन भी आ गया जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार था। आज है 26 जनवरी जिसका आयोजन झंडोतोलन राजपथ (Rajpath) / इंडिया गेट (India Gate) पर किया गया  है ।

देश के राष्ट्पति जी ने झंडा फहराया (Flag Unfurling)। सभी जवानो ने, सभी देशवासियों ने आसमान में लहराते हुए तिंरगे को सलाम किया। सभी ने साथ मिलकर राष्ट्रीय गान गया, राष्ट्पति जी ने भाषण दिया। कुछ अन्य कार्यक्रम हुए और उनके बाद कार्यक्रम की समाप्ति हुई।

" इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने ऐसे तिरंगे को हमेशा दिल में बसाये रखना जय हिन्द "

आज के दिन ओर एक ओर दिन यानी कि 15 अगस्त के दिन ही कुछ भारतीयों की देशभक्ति जगती है । सोशल मीडिया पर ओर सभी जगह पर अपनी झूठी देशभक्ति दिखाते हैं। साल भर क्या हो रहा है उससे इनको कुछ भी मतलब नही है बस इनको तो सिर्फ ज्ञान देना । आर्मी को ऐसा करना चाहिए, आर्मी को वैसा करना चाहिए। आज देश को जितना खतरा दूसरे देशों से है उससे अधिक खतरा देश के भीतर के असामाजिक तत्वों से है जो देश को खोखला करने में लगे हैं। आज गणतंत्र दिवस का मतलब झंडा फहराना, एक दिन की छुट्टी और टीवी तथा एफएम पर दिन भर चलने वाले देश भक्ति के गीत बन गये हैं! थोड़ी और देश भक्ति दिखानी हो तो फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया में देशभक्ति वाली दो चार पोस्ट डाल लो या अपनी प्रोफाइल पिक में भारत का झंडा लगा लो। सबसे ज्यादा देशभक्ति दिखाई देती है भारत पाक क्रिकेट मैच के दौरान, अगर भारत जीत जाए तो पूरी रात पटाखे चलते हैं लेकिन यदि हार जाए क्रिकेटरों की शामत आ जाती है। सिर्फ एक दिन के लिए सोशल मीडिया पर हर कोई देश भक्ति में डूबा हुआ दिखाई देता है।

लेकिन जब देश के लिए कुछ करने की बात आती है तो हम ट्रैफिक सिग्नलस जैसे एक छोटे से कानून का पालन भी नहीं करना चाहते क्योंकि हमारा एक एक मिनट बहुत कीमती है। गाड़ी को पार्क करना है तो हम अपनी सुविधा से करेंगे कहीं भी क्योंकि हमारे लिए कानून से ज्यादा जरूरी वही है। कचरा फैंकना होगा तो कहीं भी फेंक देंगे चलती कार बस या ट्रेन कहीं से भी और कहाँ गिरा हमें उससे मतलब नहीं है बस हमारे आसपास सफाई होनी चाहिये देश भले ही गंदा हो जाए! देश चाहे किसी भी विषय पर कोई भी कानून बना ले हम कानून का ही सहारा लेकर और कुछ ''ले दे कर" बचते आए हैं और बचते रहेंगे क्योंकि देश प्रेम अपनी जगह है लेकिन हमारी सुविधाएं देश से ऊपर हैं। इस सोच को बदलना होगा। जब तक हम अपनी सोच को नही बदल सकते इस देश का कुछ नही हो सकता जैसे पहले चलता आ रहा था आगे भी वैसा ही चलता रहेगा।

इतिहास गवाह है कि जिस देश के नागरिकों की अपने देश के प्रति प्रेम व सम्मान की भावना ख़त्म हो जाती है वह दिन देश एक बार फिर गुलाम बन जाता है। गुलाम का मतलब यह नही की अंग्रेज वापस आ जाएंगे। अगर लोग जागरूक नही होगे तो  कोई भी नेता देश को आने हित के लिए इस्तेमाल कर सकता है । देश की कानून व्यवस्था का  गलत इस्तेमाल करके, देश मे बेमतलब के नए कानून लाक़े या पुराने क़ानून में बदलाव करके। लोगों को धर्म के नाम पर भड़का के देश मे दंगा करवा सकते है। दरअसल बात केवल युवाओं की नहीं है हम सभी की है। आज हम सब देश की बात करते हैं लेकिन यह कभी नहीं सोचते कि देश है क्या? केवल कागज़ पर बना हुआ एक मानचित्र अथवा धरती का एक अंश! जी नहीं देश केवल भूगोल नहीं है वह केवल सीमा रेखा के भीतर सिमटा ज़मीन का टुकड़ा नहीं है! वह तो भूमि के उस टुकड़े पर रहने वालों की कर्मभूमी हैं, जन्म भूमि है, उनकी पालनहार है, माँ है, उनकी आत्मा है। देश बनता है वहाँ रहने वाले लोगों से, आप से, हम से, बल्कि हम सभी से।

हर एक व्यक्ति सिपाही नहीं बन सकता है, मगर वह भी कुछ कार्यो और जिम्मेदारियां निभाकर देश भक्ति दिखा सकता है देश के लिए कुछ कर सकता है। हम अपने आसपास के इलाको को साफ़ रख सकते है। अपने शहर को साफ़ रखने के लिए लोगो को जागरूक कर सकते है कि वह यहां वहां कूड़ा कचरा ना फेंके। सभी लोग अपने नगरों को साफ़ रखेंगे तो बीमारियां कम होगी और देश भी सुरक्षित रहेगा।

लोगो को सार्वजनिक स्थलों को साफ़ सुथरा रखना चाहिए। कुछ मनचले लोग कुछ भी लिखकर सार्वजनिक स्थलों को गन्दा करते है, जो गलत है। हमे उन शहीदों का हमेशा सम्मान करना चाहिए जिन्होंने अपने देश को बचाने के लिए अपनी जान दे दी। लोगो को जाति, धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए। भारत में कई भाषाएं बोलने वाले और धर्मो को मानने वाले लोग रहते है। सबको मिल जुलकर एक साथ रहना चाहिए।

मेरे मुल्क की हिफाज़त ही मेरा फ़र्ज है और मेरा मुल्क ही मेरी जान है, इस पर कुर्बान है मेरा सब कुछ, नही इससे बढ़कर मुझको अपनी जान है।

और भी खूबसूरत और भी ऊंचा मेरे देश का नाम हो जाये, काश कि हर हिंदू विवेकानंद और हर मुस्लिम कलाम हो जाये।

Note:- अगर मैंने कुछ गलत लिखा हो तो क्षमा करें।

कमशः

।। जयसियाराम ।।

@vishalramawat

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1 Comments

Mohammed urooj khan

18-Oct-2023 10:53 AM

👌👌👌

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