Vishal Ramawat

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फ़र्ज(भाग:-13)

अगले दिन यानी कि 27 जनवरी की सुबह तीनों कैप्टन्स अपने काफिले के साथ अपने बेस कैम्प की ओर चल पड़े। उधर मीरा भी आज रोज के मुकाबले जल्दी उठी थी क्योंकि वो घर जाने के लिए कुछ ज्यादा ही खुश थी। जल्दी उठ कर तैयार होने लगी तब तक पलक भी तैयार हो गयी थी । पलक ने दोनों के लिए नास्ता बनाया और डायनिग टेबल पर रखा तभी किसी ने डोरबेल बजाई। पलक ने जाके दरवाजा खोला तो सामने मोहित खड़ा था।  मोहित को यहाँ देख कर पलक हैरान रह गयी। वो मोहित से बोली तुमने तो कहा था कि तुम, अपने ममी पापा के साथ शादी में जाने वाले थे फिर तुम यहाँ क्या कर रहे हो।

मोहित उसके गले मे हाथ डालते हुए शांत हो जाओ मेरी माँ कितने सवाल एक साथ पूछ लिए मुझे भी तो बोलने का मौका दो। मोहित आकर सोफे पर बैठ गया ओर बोला पलक मेरे लिए एक ग्लास पानी लाना। पलक किचन में पानी लेने गयी और मीरा अपने कमरे से यह बोलते हुए बाहर आ रही थी की कौन आया तभी उसकी नजर सोफे पर बैठे मोहित पर गयी। वो बोली अबे तू यहाँ क्या कर रहा हैं सुबह सुबह। तू तो आज अंकल आँटी के साथ किसी की शादी में जाने वाला था ना फिर यहाँ कैसे । मीरा कुछ सोचते हुए बोली एक मिनट ... कही तूने हमसे झूठ तो नही बोला था ,मेने तुझे हम दोनों के साथ शॉपिंग पर चलने के लिए बोला था इसलिए । अगर यह सच हुआ और तूने झूठ बोला होगा तो देख लेना मैं तेरा क्या हाल करती हूं और उसने अपने हाथो में पकड़ा गिला टॉवल जिससे वो अपने बाल सूखा रही थी मोहित पर दे मारा।

तब तक पलक भी किचन से पानी लेकर आ गई मोहित बोला तुम दोनों को इतनी भी समझ नही है कि जब घर पर कोई मेहमान आता है तो उनको चाय पानी के लिए पूछा जाता है ना कि आती ही सवालों को बारिश कर दो। मीरा बोली बड़ा आया मेहमान बनकर मैं तुझे ज़हर ना दू चाय पानी तो दूर की बात है। मोहित बोला तुझसे तो यही उम्मीद कर सकते है मीरा कुछ बोलने वाली थी पलक ने उसको चुप रहने को कहा और तैयार होने का बोला। मोहित को पानी देकर बोली अब बता शादी में नही गया। मोहित ने पानी पिया ओर बोला पापा को कुछ काम था ऑफिस में इसलिये दोपहर में निकलेगे। इसलिए मैंने सोचा कि मैं तुम दोनों को रेलवे स्टेशन छोड़ कर आ जाता हूं। पर अब लगता है मैने यहाँ आके गलती कर दी। वो  उठकर जाने लगता है तभी मीरा आकर उसको पकड़ कर बैठाते हुए बोलती है अरे यार तुम तो नाराज हो गए एक तुम ही तो दोस्त हो मेरे । वो बोलता है चल ज्यादा मस्का मत लगा और कुछ खिला भूख लगी है।

तीनो ने बैठ कर नास्ता किया और फिर रेलवे स्टेशन के लिए निकल गए। मोहित ने दोनों को ट्रेन में बैठाया ओर अपने घर के लिए निकल गया। शाम तक मीरा ओर पलक  अमृतसर पहुंच गयी थी वहाँ से  उन्होंने गाड़ी ली और  अपने घर के लिए निकल गयी।

उधर तीनो कैप्टन्स अपने काफिले के साथ आर्मी बेस कैंप की ओर बढ़ रही थे । अभिमन्यु ड्राइव कर रहा था ओर सुल्तान अपना फ़ोन चला रहा था , जय बोर हो रहा था इसलिए जय ने अपने फ़ोन में  गाने चला दिये और साथ मे गाने भी लगा। एक बार तो अभिमन्यु ने उसे रोका भी यह कह कर की अगर तुझे ही गाना है तो अपने फोन को बंद कर दे जिसे सुन कर पीछे बैठे सुल्तान की हंसी निकल गई जय ने उनको घूरा तो सुल्तान बोला नही कैप्टन अपना जय बहुत अच्छा गाता है। अगर यह ऐसे ही गाता रहा ना तो एक दिन बॉलीवुड के सारे संगीतकारों की छुटी कर देगा अपना भाई। सुल्तान की बात सुन कर अभिमन्यु की हँसी निकल गयी वो बोला सही कहा सुल्तान तूने इसका गाना सुनकर वो लोग गाने गाना छोड़ देंगे। जय दोनो की बात सुन कर मुँह फुलाकर बैठ गया ओर खिड़की से बाहर देखने लगा। अभिमन्यु ने उसकी तरफ देखा ओर मुस्कुरा  दिया।

तभी जय को एक गाना सुनाई दिया और उसके चेहरे पर मुस्कुराहट फैल गई। अभिमन्यु गाना गा रहा था....

ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोडेंगे ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोडेंगे अरे मेरी जीत तेरी जीत तेरी हार मेरी हार सुन ऐ मेरे यार तेरा ग़म मेरा ग़म मेरी जान तेरी जान ऐसा अपना प्यार ज़ान पर भी खेलेंगे तेरे लिये ले लेंगे ज़ान पर भी खेलेंगे तेरे लिये ले लेंगे सबसे दुश्मनीये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोडेंगे

गाना सुन कर जय ओर सुल्तान भी साथ मे गाने लगे। फिर तीनों एक साथ गाने लगे...

ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोडेंगे ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोडेंगे

ऐसे ही हँसते मुस्कराते बारी बारी से ड्राइव करते गए सभी कैम्प पहुंचे । पहुंचे में देर हो गयी थी इसलिये सभी को खाना खाके आराम करने के लिए कहा गया था। सभी सफर से थक गए थे इसलिए खाना खा कर सभी अपने कमरे में जाकर सो गए। अभिमन्यु भी अपने कमरे में आया और नहाके लेट गया पिछले दिनों की थकान की वजह से उसे जल्दी ही नींद आ गयी।

अगले दिन अभिमन्यु ट्रेनिंग करवा कर जय ओर सुल्तान के साथ मेजर सर से मिलने गए उन्हें दिल्ली की जानकारी देनी थी। तीनो ने मेजर को सैलूट किया , मेजर ने भी सैलूट कर के उन्हें बैठने का इशारा किया।  तीनो बैठ गए फिर अभिमन्यु उन्हें दिल्ली जाने की रिपोर्ट देने लगे। कुछ देर बाद मेजर बोले अभी कुछ देर पहले मेरे पास मैसेज आया की आपकी कई और पोस्टिंग हो गयी है। यह सुन कर अभिमन्यु के चेहरे पर परेशानी के भाव आ गए। वो बोला कहा हुई है मेरी पोस्टिंग ओर जाना कब है सर। मेजर बोले मुझे अभी तक इसकी जानकारी नही है।

कुछ देर मेजर सर से बात करके तीनो बाहर आ गए । सुल्तान बोला ऐसा थोड़ी होता है यार मैं अभी आया और तू कई और जा रहा है। अभिमन्यु बोला भाई अपने से पहले अपना देश है और जिस दिन हमने यह वर्दी पहनी थी उसी समय हम लोगो ने यह प्रण लिया था कि सबसे पहले अपना फ़र्ज निभाएंगे उसके बाद कुछ ओर आएगा। अभिमन्यु बोला जब फरमान आ गया है तो हम कुछ भी नही कर सकते ओर अपने फ़र्ज से पीछे नही हट सकते हैं जाना तो है ही । जय बोला जब बुलावा आये तब चले जाना अभी तो सब साथ है चलो थोड़ा घूमा फिरा जाय मतलब की पेट्रोलिंग पर चलते है। सुल्तान ने भी सहमति जताई और तीनों पेट्रोलिंग पर चले गए।

शाम को जब तीनो पैट्रोलिंग से वापस आये तो एक जवान उनके पास आया आकर उन्हें सैलूट किया और बोला कि मेजर सर ने कैप्टन जय ओर कैप्टन अभिमन्यु को ऑफिस में बुलाया है। जब दोनों ऑफिस में पहुंचे तो मेजर सर ने दोनो की तऱफ दो लिफाफे बढ़ाय ओर बोले पढ़ लो । मेजर सर बोले कैप्टन अभिमन्यु आपके अकेले का नही आपके साथ कैप्टन जय का भी ट्रांसफर हुआ है । आप दोनों की एक ही जगह पोस्टिंग हुई है और तुम दोनों को कल सुबह ही निकलना है वहाँ पर कुछ परेशानीया चल रही है और हा तुम दोनों कल सुबह आर्मी जीप से ही जाओगे। जब अभिमन्यु ने ट्रांसफर लेटर पढ़ा तो उसके चेहरे पर जो निराशा थी अब उसकी जगह मुस्कराहट ने ले ली। वो जहाँ जाना चाहता था वही उसकी पोस्टिंग हुई थी।

कुछ देर जरूरी फॉरमैलिटी पूरी कर के दोनों मेजर को सैलूट करके ऑफिस से बाहर आ गए  ओर सीधे सुल्तान के पास गए। सुल्तान , दोनो का इंतजार ही कर रहा था इतनी देर से जब दोनों उसके पास पहुंचे तो उसने दोनो के हाथ मे लिफाफा देखा तो बोला यह क्या है और मेजर सर ने क्या कहा। अभिमन्यु ने उसे सारे बात बताई तो वो भी खुश होते हुए अभिमन्यु के गले लग गया और बोला इस दिन का तो तुमने कितने सालो तक इंतजार किया था।

जय बोला हम तुमसे इतने समय बाद मिले थे पर ज्यादा दिन नही रह पाए साथ मे। सुल्तान बोला कोई बात नही यारो किस्मत ने चाहा तो वापस जरूर मिलेंगे। तीनो एक साथ गले मिले । रात को देर तक तीनो बेठ कर बाते करते रहे । सुबह हो गयी तीनो तैयार हो कर बाहर आ गए थे सारी तैयारियां पहले ही हो चुकी थी। मेजर सर से मिलकर दोनो जब बाहर आये तो साथी जवान बाहर उनका इन्तजार कर रहे थे। सभी ने एक साथ अपने दोनो कैप्टन्स को सैलूट किया जवाब में दोनो कैप्टन्स ने भी सैलूट किया। सभी से विदा लेकर दोनों अपनी गाड़ी के पास आ गए । एक बार फिर तीनो गले मिल, सुल्तान अलग होते हुए अभिमन्यु से बोला मुझे पता है तूम खुद की सुरक्षा से पहले देश को महत्व देते हो फिर भी कहुगा की खुद का ध्यान रखना। जय से बोला ऐसे ही हमेशा हस्ते रहना और खुद का ध्यान रखना । अभिमन्यु ओर जय ने भी सुल्तान को खयाल रखने का बोल कर गाड़ी में बैठ कर निकल गए।

दोनो बारी बारी से ड्राइव करते रहे और दिन भर के सफर के बाद देर रात को दोनों एक आर्मी बेस कैंप पहुंच गए। कुछ जांच के बाद उन्हें अपने कमरे में जाकर आराम करने के लिए बोला गया क्योंकि की रात काफी हो गयी थी इसलिए । कल उन्होंने अपने सीनियर के सामने रिपोर्ट करना था। दोनो का एक ही कमरा था । दोनो कमरे में आकर लेट गए उन्हें जल्दी ही नींद आ गयी क्योंकि दो दिनों से लगातार सफर ही कर रहे थे।

कमशः

।। जयसियाराम ।।

@vishalramawat

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1 Comments

Mohammed urooj khan

18-Oct-2023 10:54 AM

👌👌👌👌👌

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