फ़र्ज(भाग:-14)
रोजाना के जैसे आज भी अभिमन्यु की 4 बजे नींद खुल गयी वो उठ कर बाथरूम की तरफ चला गया । वह नहाकर बाहर आया और उसने जय को उठाया। दोनो तैयार हो कर 5 बजे से पहले ग्राउंड में पहुँच गए। दोनो ग्राउड के चक्कर लगा कर एक्सरसाइज करने लगे तब तक बाकी के जवान आने शुरू हुए। जवानों ने दोनों को उनकी यूनिफॉर्म की वजह से पहचान लिया था कि कैप्टन्स है। सारे जवान ग्राउंड में इकट्ठा हो गए उनके साथ दो कैप्टन्स भी थे , अभिमन्यु ओर जय ने दोनों से हाथ मिलाया उन मेसे एक का नाम था कैप्टन रंजीत कुमार ओर दूसरे का नाम था कैप्टन विकास माथुर।
अभिमन्यु ने जवानों को सम्बोधित करना शुरू किया वो बोला जयहिन्द साथियों मेरा नाम कैप्टन अभिमन्यु सिंह शेखावत ओर यह है मेरे दोस्त और साथी कैप्टन जयदेव । हम दोनो की कल ही यहाँ पोस्टिंग हुई है हम लोग कल रात को ही यहाँ पहुँचे है। कैप्टन रंजीत बोले कैप्टन अभिमन्यु आज की ट्रेनिंग आप ही शुरू करवाईए।अभिमन्यु ने ट्रेनिंग शुरू करवाई , सभी को पहले ग्राउड़ का चक्कर लगाने का बोला फिर परेड , एक्सरसाइज करवाने लगा। 7 बजे तक वहाँ से फ्री हो कर दोनो ब्रिगेडियर सर से मिलने के लिए उनके ऑफिस की तरफ जाने लगे।
वहाँ जाके पता चला कि ब्रिगेडियर सर तो कुछ से बाहर गए हुए है इसलिए दोनो मेजर सर के ऑफिस में गये वहाँ जाकर जरूरी फॉरमैलिटी पूरी की ओर मेजर ने अभिमन्यू को पेट्रोलिंग पर जाने को कहा और जय को नए जवानो को ट्रेनिंग के लिए बोला। दोनो मेजर को सैलूट करके ऑफिस से बाहर आकर अपने अपने काम पर चले गए। ग्राउड में नए जवान जय का इंतजार जा कर रहे थे जय उनके पास गया सभी ने जय को सैलूट किया बदले में जय ने भी सैलूट किया । जय ने सभी से उनका नाम पुछा ओर ट्रेनिंग शुरू की।
पलक कुछ देर पहले ही उठी थी वो जब उठ कर नीचे आयी तो उसे मीरा की मम्मी मिली । पलक ने उनसे मीरा के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया की मीरा कॉफी पीते हुए बाहर गयी थी और जब वापस आयी तो उसका मूड खराब था और जब मैने पूछा तो बिना कुछ बोले अपने कमरे में चली गयी। थोड़ी देर में तैयार होकर आयी और बोली कुछ देर के लिये मार्केट जा रही है जल्द ही आ जाऊँगी ओर चली गयी। मीरा की मम्मी बोली बेटा तुम टेंशन मत लो वो जल्दी ही आ जाएगी। तुम होकर आ जाओ मैं तुम्हारे लिए नास्ता लगा देती हूं फिर मुझे हॉस्पिटल भी जाना है। पलक जब तैयार होकर नीचे आयी तो डायनिग टेबल पर मीरा के पापा बैठे थे उनके साथ मीरा की मम्मी बैठी हुई थी ।
पलक ने जाकर दोनों को प्रणाम किया और उनके सामने बैठ गयी । मीरा के पापा बोले बेटा यहाँ अच्छा तो लग रहा है ना आपको। आपको किसी भी चीज की जरूरत हो तो बोलने में संकोच मत करना मैं भी आपके पापा जैसा ही हु इसे अपना ही घर समझना। पलक बोली ऐसी कोई बात नही अंकल मुझे यहाँ अच्छा लग रहा है। मीरा की मम्मी ने नास्ता परोसा ओर सभी ने मिल कर नास्ता किया। मीरा के पापा अपनी ड्यूटी पर गए और मम्मी हॉस्पिटल गयी। मीरा के पापा का नाम कर्नल आसुतोष सक्सेना ओर मम्मी आया नाम मित्तल सक्सेना, मित्तल जी आर्मी हॉस्पिटल में डॉक्टर है।
tv के सामने बैठी थी । वो कुछ देर में ही बैठी बैठी बोर हो गई इसलिए वो घर से बाहर निकली । वो घर के बाहर घुम रही थी तभी उसकी नजर ग्राउड में जवानों को ट्रेनिंग देते हुए जय पर पड़ी एक पल तो उसे लगा यह उसका वहम हो सकता है पर उसने ध्यान से देखा तो जय ही था । जय को यहाँ देख कर हैरान हो गयी । पलक ने सोचा की अगर यह वो ही है तो उस दिन के लिए इनको थैंक्स बोलना भूल गयी थी अभी बोल देती हूं । वो उस ओर बढ़ गयी। पलक ने पास जाकर जय को आवाज दी कैसे हो सर। जय ने पीछे मुड़कर देखा तो सामने पलक को देख कर हैरान हो गया वो बोला आप । जय ने जवानों को ग्राउंड के चक्कर लगाने का बोला और वो पकल के पास जाकर बोला आप यहाँ कैसे मतलब की आपके कोई रिश्तेदार आर्मी में है क्या। पलक बोली नही वो मैं मीरा के साथ आई थी उसके मम्मी पापा आर्मी में है। पापा कर्नल है और मम्मी डॉक्टर है। आपको उस दिन के लिए थैंक्स बोलना भूल गयी थी इसलिए सॉरी ओर थैंक्स हमारी मदत करने के लिए। जय बोला कोई बात नही कुछ गलती हमारी दोस्त की भी थी वैसे कहा है आपकी दोस्त अभी। पलक बोली वो अभी मार्केट गयी है थोड़ी देर में आ जाएगी। आपके वो दोस्त क्या नाम था उनका हा कैप्टन अभिमन्यु सिंह भी आये है या आप अकेले ही आये है। जय बोला नही हम दोनों की ही यहाँ पोस्टिंग हुई है हम कल रात को ही यहाँ आये है। वो बोली एक बात पुछु आपसे। जय ने हा ने गर्दन हिलाई तो पलक बोली आप लोग उस दिन रेस्टोरेंट में थे फिर भी आप लोगो ने हमारी हेल्प नही की जब वो लड़के हमारे साथ बदतमीजी कर रहे थे। ओर तो ओर अभिमन्यु सर उस लड़को को बचा रहे थे।
जय पहले तो हँसा फिर बोला आप लोगो को गलतफहमी कोई हुई है। जय ने पलक को पूरी बात बताई जो उस रात अभिमन्यु ने उस लड़के की हेल्प की थी तब जब उसकी गाड़ी खराब हुई थी। वो बोला अभिमन्यु तो आप लोगो के बीच आ रहा था पर सुल्तान ने उसे रोक दिया था यह कहकर की लड़कियों को कमजोर नही समझना चाहिए कब तक हम उन्हें आजाद , बंदिसो से मुक्त नही करेंगे तब तक कैसे उन्हें खुद की ताकत का अहसास होगा। कई बार लडकिया खुद को कमजोर समझ लेती है बिना यह जाने की अगर वो कोशिश करेगी को किसी भी परिस्थिति से अकेली निकल सकती है उसे किसी की भी जरूरत नही पड़ेगी , उसे किसी पर निर्भर नही रहना पड़ेगा। कई बार हम उन्हें कोशिश करने ही नही देते ।
आगे जय बोला आप लोगो के जाने के बाद जब हमने भी अभिमन्यु से पूछा था कि उसने उस लड़के की हेल्प क्यों कि तो वो बोला कि अगर वो बीच मे नही आता तो मीरा उस लड़के को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती थी । क्योंकि मीरा ने पहले ही उसके ओर उसके दोस्तों के चेहरे का नक्शा बिगाड़ दिया था अगर वो लोग पुलिस में FIR करते तो मीरा ओर तुम लोगो पर हाफ मर्डर का केस दर्ज होता । एक बार अगर केस दर्ज हो गया फिर आप लोगो का भविष्य खतरे में पड़ जाता। पलक बोली तो यह बात थी तब तो मीरा ने गलत किया कैप्टन सर के साथ, उसने तो सर को थप्पड़ तक मार दिया था। जय बोला कोई बात नही कैप्टन समझदार है परन्तु यह बात है मीरा के सामने कैप्टन कुछ बोल नही पाए, पर आगे से ध्यान रखना ऐसी कोई गलती ना हो दूबारा क्योंकि कैप्टन का गुस्सा काफी खतरनाक है।
दोपहर के समय अभिमन्यु कुछ देर के लिए बेठा था उसे आज सुबह की बात याद आ गयी जब वो ओर जय ऑफिस की तरफ जा रहे थे। दोनो के हाथ मे अपनी अपनी फ़ाइल थी। तभी जय का फ़ोन बजा उसकी पत्नी का फोन था इसलिए वो बात करने के लिए थोड़ा दूर चला गया। अभिमन्यु वही खड़ा रहा उसने सोचा सुल्तान को कॉल करके इन्फॉर्म कर देता हूं कि हम लोग आराम से पहुँच गए। उसने सुल्तान को कॉल किया और बात करने लगा और तभी सामने से आते हुए किसी से टकरा गए। सामने वाले की कॉफी अभिमन्यु के ऊपर गई गयी जिससे उसकी वर्दी थोड़ी खराब ही गयी। जिससे उसको गुस्सा आ गया और वो बोला देख कर नही चल सकते क्या। उसने अपने कपड़े साफ करते है हुए ऊपर देखा तो सामने मीरा खड़ी थी उसको देख पुरानी बात याद आ गई। अभिमन्यु बोला पागल वागल हो क्या कही भी चली आती हो, देख कर नही चल सकती क्या , भगवान ने आँखे दी है ना उनका इस्तेमाल करो। मीरा कुछ बोलने लगी तो अभिमन्यु बोला तुम्हें कुछ भी बोलने की जरूरत नही है ,तुम जब बोलना शुरू करती हो तो सामने वाले को बोलने का मौका ही नही देती । पता नही लोगो ने आर्मी कैम्प को क्या समझ रखा है कोई भी यहाँ घूमने आ जाता है जैसे यह कोई गाडन हो। मैंने अपनी वर्दी को आजतक किसी को छूने तक नही दिया और तुमने तो उस पर दाग ही लगा दिया। इतना सब सुन कर मीरा को आखो में आंसू आ गए क्योंकि आज से पहले उसको इतना किसी ने नही सुनाया था वो बिना कुछ बोले अपने घर की तरफ चली गयी। अभिमन्यु ने मीरा की आखों में आँसू देख लिए थे उसको बिलकुल भी अच्छा नही लग रहा था , वो खुद पर वही गुस्सा कर रहा था कि उसको ऐसा नही करना चाहिए था । वो सोच रहा था कॉफी गलती से भी गिर सकती थी ओर उसकी वजह से किसी की आखों में आंसू आये । कुछ देर में जय आ गया उसने अभिमन्यु के चेहरे पर परेशानी के भाव देख कर बोला क्या हुआ। अभिमन्यु ने उसे कुछ नही बताया ओर दोनो ऑफिस की ओर निकल गए।
उसने कुछ सोचा की अगली बार जब भी वो मिलेगी उससे माफी मांग लुगा। कुछ देर ड्यूटी की ओर फिर वापस केम्प की तफर चल पड़ा। जब अभिमन्यु कैम्प पहुंचा तो जय उसकी तरफ ही आ रहा था। वो बोला कि मेजर ने दोनों को अभी ऑफिस में बुलाया है । दोनो मेजर से मिलने के लिए ऑफिस की तरफ गए।
( कहानी को प्यार देने के लिए सभी पाठकों का धन्यवाद। कृपया रेटिंग ओर समीक्षा दिया कीजिए जिससे लेखक का लिखने के लिए प्रोत्साहन बढ़ता है और लेखक को भी पता चलता है वो जो लिख रहा है वो पाठकों को पसंद तो आ रहा है कि नही। एक बार फिर से धन्यवाद )
कमशः
।। जयसियाराम ।।
@vishalramawat
Mohammed urooj khan
18-Oct-2023 10:54 AM
👌👌👌👌
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