Priyanka06

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -01-Aug-2023 तस्वीर

शीर्षक-तस्वीर
जब देखी मैंने एक तस्वीर,
बह रहा था ऑंखों से नीर,
जाने  कितनी है पीर।

कितने थे तन पर निशान,
फिर भी ऑंखों में लेकर मान,
बंद रखी सदा जुबान।

चेहरे पर कितनी उदासी,
उम्र लग रही थी पचासी,
दुख के कोड़ो ने बनाया दासी।

क्या-क्या बयान कर गई तस्वीर,
उसके हाथों की बता गई लकीर,
कितने चुभे थे गमों के तीर।

जैसे ही सरका ऑंचल,
जुल्फें थी जैसे बादल,
देखकर लगा कितनी सही कादल।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा प्रिया

   19
4 Comments

बेहतरीन अभिव्यक्ति

Reply

Abhinav ji

02-Aug-2023 06:18 AM

Very nice 👍

Reply

Mukesh Duhan

02-Aug-2023 12:43 AM

Nice ji

Reply