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प्रतियोगिता# प्रीति निभाना

दोहा गीत
प्रीति निभाना

प्रीति निभाना साथिया, जीवन छोटा मीत।
 तुमसे मेरी हार है, तुमसे ही है जीत।।

आँखों की दहलीज से, तुम ही आये पास।
 तुमने ही मन को दिया,प्रेम भरा एहसास।।
जैसे गंगा पावनी,ऐसी उर की प्रीत।
प्रीति निभाना साथिया, जीवन छोटा मीत।।

अंक बिठा लो आज तुम,कर लो थोड़ा प्यार।
देदो मुझको साजना,चाहत का उपहार।।
तुम हो सरगम प्रेम की, तुम ही मोहक गीत।
प्रीति निभाना साथिया, जीवन छोटा मीत।।

मेरी इतनी कामना,छूटे ना यह हाथ।
जैसी भी विपदा पड़े,देना मेरा साथ।।
मौसम कोई भी रहे,ग्रीष्म शिशिर या शीत।
प्रीति निभाना साथिया, जीवन छोटा मीत।।

प्रीति चौधरी"मनोरमा"
जनपद बुलंदशहर
उत्तरप्रदेश
मौलिक एवं अप्रकाशित।

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4 Comments

बेहतरीन अभिव्यक्ति

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Alka jain

06-Aug-2023 08:21 PM

Nice

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Varsha_Upadhyay

06-Aug-2023 08:05 PM

शानदार

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