mishra

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1) एक डोर में सबको बाँधती ,वह हिंदी है

1) *एक डोर में सबको बाँधती ,वह हिंदी है*

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हिंदी भाषा है महान 

हिंद देश की है जान 

हिंदी का न हो अपमान

करो हिंदी पर अभिमान


स्वयं को शिष्टाचार में उतारो 

बच्चों को संस्कार में ढालो

सब मिल हिंदी मे बात करो

सुसंस्कृति परिवार बनाओ


घिट-पिट सिट-पिट से मुख मोड़ो

अंकल - आंटी शब्द छोड़ो

चाचा-चाची संग रिश्ता जोड़ो

रिश्तों में प्रेम का बीज बोओ


हिंदी एक डोर में बांधती सबको

अन्य भाषाओं का सम्मान करो

हिंदी को छोड़,गले हड्डी में न लटकाओ 

हिंदी को राष्टभाषा का मान दिलाओ

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आभा मिश्रा-कोटा

(स्वरचित एवं मौलिक रचना सर्वाधिकार सुरक्षित)


# आधे अधूरे मिसरे/प्रसिद्ध पंक्तियां

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