2) कलम आज उनकी जय बोल
(2) *कलम आज उनकी जय बोल*
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मेहनत और शिद्दत से पिरोए मन के भाव।
सातों रस में भिगोए अपने दिल के भाव ।।
छंद ,दोहा ,कविता ,कहानी से बुना शब्द जाल।
रचे पन्ने बन गई पुस्तक हम हुए नौ निहाल।।
शूरवीर,नौ सैनानी हुए महान पुरुष
हिंद की धरा पर।
उनकी गाथाएं रची इतिहास के पन्नों पर।।
बचपन से लेकर अंत समय तक का चित्रित हाल।
इतिहास में रही कलम आज उनकी जय बोल।।
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आभा मिश्रा-कोटा
(स्वरचित एवं मौलिक रचना सर्वाधिकार सुरक्षित©®
Shashank मणि Yadava 'सनम'
10-Sep-2023 05:49 PM
Nice
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