लेखनी प्रतियोगिता -11-Aug-2023
एक सितारा टूट गया
खुलकर चमका कुछ देर मगर
किस्मत का मारा टूट गया
एक सितारा टूट गया।
आंसू छलके पर बह न सके
होंठ खुले पर कह न सके
सीने में एक धक्का सा लगा
फिर पैर जमीं पर रह न सके
मन भरमित सा हो आता है
बीता कल याद आ जाता है
जितना चाहे सर पीटे पर
वो समय कहां फिर आता है
वो सदा सदा को चला गया
इतना भी कैसे रूठ गया
एक सितारा टूट गया।
ये भी क्या कोई साथ हुआ
कोई विधवा कोई अनाथ हुआ
रिश्तों का किनारा टूट गया
काल का ऐसा घात हुआ
यादें छलनी कर जाती हैं
आंखों में जल भर जाती हैं
उम्मीदों की हरियल फसलें
जैसे पल में जल जाती हैं
मुट्ठी में चमक रहा जुगनू
जैसे मुट्ठी से छूट गया
एक सितारा टूट गया।
ये दुनिया आनी जानी है
बस बात से बात निभानी है
जो साथ रहे बस वही वक्त
बाकी तो महज कहानी है
ये वक्त किसे समझाता है
अपनी करनी कर जाता है
ये समय का पंछी चुन चुनकर
धरती से बीज उठाता है
लहरों से जूझते मांझी के
हाथों से किनारा छूट गया
एक सितारा टूट गया।
कोई आता है कोई जाता है
यहां कौन सदा रह पाता है
ये आने जाने का उपक्रम
किसको समझ में आता है
मन जार जार हो रोता है
जब कोई अपना खोता है
सब जायेंगे सबको है पता
फिर भी क्यो ऐसा होता है
लेकर दुनिया भर की माया
दिल टुकड़े टुकड़े टूट गया
एक सितारा टूट गया।
Milind salve
13-Aug-2023 11:05 AM
Nice 👌
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Anshumandwivedi426
13-Aug-2023 10:30 PM
Thanks
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