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15. विषय - चुपके चुपके रात - दिन आँसू बहाना याद है.....

विषय-चुपके चुके रात दिन आँसू 

           बहाना याद है.....

        

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तुम मेरी जिंदगी में आए बहार बनकर।

तुम मेरा साथ दोगे,सदा परछाईं बनकर।।


खिलेगें फूल खुशियों के,गुलशन महकाने को।

फैलेगी सुगंध सदन में, वंश वृद्धि करने को।।


कितने किए थे वादे एक दूजे को रिझाने को।

चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है मुझको



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अधूरे मिसर

आभा मिश्रा-कोटा राजस्थान 

(स्वरचित एवं मौलिक रचना सर्वाधिकार सुरक्षित©®)




# आधे अधूरे मिसरे / प्रसिद्ध पंक्तियां

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