19) विषय-: इस दिल की गहराई को कोई नापता नहीं
(19) विषय-: इस दिल की गहराई
को कोई नापता नहीं
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ते हैं दिल के बाजार में न जाने कितने अनजाने लोग।
दर्द ए दिल देकर अपना पथ बदल लेते हैं लोग ।।
प्यार का इजहार मासूमियत से कर जाते हैं लोग
पलक झपकते ही दिल के टुकड़े कर जाते हैं लोग।।
दिल को खिलौना जान कर खेल जाते है लोग।
दिल की गहराई को नाप नहीं पाते हैं लोग।।
आज यहाँ तो कल वहाँ दिल लगाते हैं लोग।
सरेआम आपनी मोहब्बत को नीलम करते लोग।।
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अधू
आभा मिश्रा-कोटा राजस्थान
(स्वरचित एवं मौलिक रचना सर्वाधिकार सुरक्षित©®)
Shashank मणि Yadava 'सनम'
10-Sep-2023 06:06 PM
Nice
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