Kavita Jha

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एक डोर में सबको बांधती,वो हिंदी है, लेखनी कविता प्रतियोगिता# आधे-अधूरे मिसरे-25-Jul-2023

साजन होली आई है..

साजन होली आई है, पल खुशियों के लाई है।
रंग चढ़े मुझ पर तेरा, तुझ से ही सजे सवेरा ।।
आँचल भीग रहा मेरा, फिर भी लगा रही फेरा।
साथ कभी जो यह छूटे, बंधन प्रीत नहीं टूटे।।
हर होली तेरे अँगना, सदा मनाऊँ मैं सजना।
प्रभु से मना रही हूँ मैं, दिल में अपने तुम रखना।।

कविता झा'काव्य'अविका
#लेखनी
#आध

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खूबसूरत भाव

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