Kavita Jha

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एक डोर में सबको बांधती,वो हिंदी है, लेखनी कविता प्रतियोगिता# आधे-अधूरे मिसरे-25-Jul-2023

जब अकेला रहा तो उसकी याद आयी...

 जब अकेला रहा तो उसकी याद आयी।
वो हरपल आँखे बंद करके भी दी मुझे दिखायी।।
लोग कहते हैं मैं तो पागल दीवाना बन गया हूँ तेरा।
तू चली जो गई इक दिन यह दिल तोड़कर जब मेरा।।
हर पल तेरे ख्यालों में ही खोया-खोया रहता हूँ मैं।
इक बार आकर देख ले टूटे दिल का दर्द सहता हूँ ।।
कोरे कागज पे उसका नाम लिखा बना लहू को सियाही।
जब अकेला कभी मैं रहा तो उसकी याद आयी।।

कविता झा'काव्य'अविका
#लेखनी
#आधे अधूरे मिसरे..सुप्रसिद्ध लेखकों की पंक्तियां
लेखनी प्रतियोगिता 

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1 Comments

बेहतरीन

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