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आधे अधूरे मिसरे-प्रसिद्ध पंक्तियां-भाग 2 कलम आज उनकी जय बोल,

कलम आज उनकी जय बोल


कलम आज उनकी जय बोल, 

जो लिख गए खून से आजादी। 

काले पानी की सजा झेल ली, 

इक सपना देखा आजादी। 

कलम आज उन की जय बोल, 

जिनने अपना तन मन धन गंवाया, 

फांसी के फंदे पर झूले, 

मिटा वजूद दे गए आजादी।

इस आजादी का मोल बहुत है,

लहू बहा अपनों का जब तो, 

आज मिली है आजादी। 

हजारों मां के लाल शहीद हुए थे, 

जिनकी गिनती न कोई रही। 

कलम आज उनकी जय बोल,

jinneलाठी गोली खाई, झेले दंगा, 

इसकी कीमत आजादी।  

उन शहीदों को नमन करें हम, 

ये संदेश देता फहर फहर फहराता तिरंगा। 

आधे अधूरे मिसरे/प्रसिद्ध पंक्तियां-भाग 2

काव्यरचना -शोभाशर्मा , छतरपुर म.प्र.

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सुन्दर सृजन

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