लेखनी प्रतियोगिता -17-Aug-2023 संकट से क्या घबराना
शीर्षक-संकट से क्या घबराना
सुनो गौर से मुसाफिरों,
संकट से क्या घबराना।
राहों में तुम बढ़ते रहना,
संकट को ऑंख दिखाना।।
तुम कहलाते हो पथगामी,
राहो का बनना सहगामी।
उंगली पकड़ कर रखना हरदम,
बनना सदा तुम अनुगामी।।
लक्ष्य प्राप्ति के लिए बढ़ते रहना,
पथचिन्ह को तुम अपनाना।
उन चिन्हो पर बढ़ते चलना,
लक्ष्य से नजदीकी बढ़ाना।
अमल करना इन बातों को,
दूर करना सारी बाधा।
जब मिलेगी मंजिल तुमको,
बन जाओगे जग के प्राधा।।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा प्रिया
Shashank मणि Yadava 'सनम'
18-Aug-2023 08:27 AM
बेहतरीन
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Varsha_Upadhyay
17-Aug-2023 11:42 PM
Nice one
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