Abhay Dhakate

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तेरी जुदाई

एक पल की बिना तेरी बिती रातें खुशियों की जन्नत थीं, अब लगती हैं बेरहम सातें। तेरे बिना ये जिन्दगी लगती है अधूरी खो गई है खुशियाँ, रह गया है दिल मेरा बेक़रारी।

यादें तेरी छूपी हैं हर एक रास्ते में तेरी आवाज की गहराई में, दिल की धडकनों की हसरते में। बिखरती है ख्वाबों की खुशबू तेरी हर हवा में मैं तन्हा हूँ, तू दूर है, फिर भी है तेरी तस्वीरों की प्यास मेरी मन में।

कैसे भुला दूं तुझे, ये सवाल रहता है मेरे दिल में तेरी यादों का सफर, बेवजह बढ़ता जाता है तन्हाई में। तेरे बिना ये दुनिया लगती है रूखी-सूखी तेरी जुदाई में बस एक ख्वाब बुनता हूँ, खुद को अकेले सोते हुए पाता हूँ।

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2 Comments

Reena yadav

22-Aug-2023 08:41 PM

👍👍

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Diksha Srivastava

21-Aug-2023 04:29 PM

बहुत सेड लिखा है 🙏

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