मुक्तक
मुक्तक
चंद्रयान का तीसरा,सफल हुआ अभियान।
करे विश्व यह घोषणा,भारत राष्ट्र महान।।
प्रशंसनीय उपलब्धि यह,है संकेत विकास।
कण-कण भारत का कहे,बढ़ी हमारी शान।।
काव्य-कल्पना का लगे,बदला अब प्रारूप।
'चंद्रमुखी' उपमान का,बिगड़ा रूप अनूप।।
कवि के कोमल भाव पर,हुआ तुषारापात।
कुसुम-कली मूर्छित गिरे,जैसे पा रवि-धूप।।
अब तो कवि की लेखनी,निश्चित करे बखान।
भारत के उत्थान में, योगदान विज्ञान।।
अभिनंदन उस सोच का,जिससे हो उत्कर्ष।
भरता भारत ही रहे,नित-नित नवल उड़ान।।
©डॉ0हरि नाथ मिश्र
9919446372