Ankit Raj

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नवरात्रि

️नवरात्रि

मां सिह पर सवार है,
हाथ खड़ग ढाल है ।
कभी काली, कभी चंडी,
तेरी रूप विकराल है ।

स्वागत मां, मै तेरी करू,
बजता वीणा का ताल है ।
तूही दुर्गा, तूही ब्रह्मचारिणी,
तेरी बिछाई मायाजाल है ।

मां भक्तों का वंदनीय,
राक्षसों का काल है ।
मां राक्षसों का संहार किया,
तेरी महिमा कमाल है ।

मां नवरात्रि आते ही,
मन में उड़ता गुलाल है ।
तू ममता की मूरत हो,
तेरी महिमा कमाल है ।
  
                  ️ अंकित राज

#नवरात्रि
#प्रतियोगिता

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21 Comments

Bittu Raj

07-May-2022 03:51 PM

बहुत ही सुन्दर भजन

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Ramsewak gupta

19-Oct-2021 12:17 PM

लाजवाब

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Ankit Raj

19-Oct-2021 12:51 PM

शुक्रिया

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Seema Priyadarshini sahay

16-Oct-2021 05:17 PM

बहुत सुंदर

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Ankit Raj

16-Oct-2021 05:55 PM

जी शुक्रिया

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