Mohd Qasim

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लेखनी कहानी -26-Aug-2023

तेरा चेहरा बहुत प्यारा तेरी आंखे बहुत प्यारी तेरी बाते बहुत प्यारी तेरा चलना बहुत प्यारा तेरी मुस्कुरुराहट बहुत प्यारी तेरी बाहें जैसे वादियां तेरी जुल्फे जैसा झरना तेरे होंठ जैसे गुलाब तेरी मुहब्बत क्या ही कहना जब तेरे अन्दर कोई कमी नहीं है तू जमीन पर क्या कर रही है ज्यादा तारीफ मुझसे ना होगी अब और कितना झूठ बोलूं

कासिम ठाकुर

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2 Comments

Nisha

26-Aug-2023 02:55 PM

bhut achcha likha aapne .. bas apne proper spec nhi diya hai

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Reena yadav

26-Aug-2023 12:08 PM

👍👍

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