लेखनी कहानी -27-Aug-2023
परेशानी भगवान है हैरान परेशान,मानव मांग रहा वरदान। अजीब कशमकश बड़ी है,पुरानी बातें दूर खड़ी है।
पति मांगता पत्नी हो हूर,रहना मात-पिता से दूर।
लड़की वर है मांगती। पति मिले पैसे वाला, घरवालों को छोड़ पैसे से दे मुझको तौल
डॉक्टर है अब मांगता हो बीमारी भरपूर। एक बार आए पास मेरे,जाए कभी ना दूर।
व्यापारी भी मांगते ,लाभ मिले भरपूर जीएसटी और टैक्स से, सदा रहे हम दूर।
नेताजी भी मांग रहे ,सुखी साम्राज्य भरपूर, नोटों के बोरे मिले रहे जनसेवा से दूर।
सास भी है मांगती बहु मिले संस्कारी, काम कुछ भी ना करूं करे चाकरी सारी।
बहुए भी है मांगती, सास का शांत स्वभाव, घर पर हम तो राज करें फटके ना कोई पास।
मात-पिता चाहते, बेटा हो श्रवण कुमार, कमाना जब शुरू करें संभाले सारा भार।
बेटे की इच्छा बड़ी मिले मात पिता का प्यार बूढ़े भी हो जाएं तो आए ना भार।
यह जग मायाजाल बड़ा स्वार्थ से भरपूर। कोई हमको ना मिला, मोह माया से दूर।। रचनाकार ✍️ मधु अरोरा 9.8.2023
Shashank मणि Yadava 'सनम'
28-Aug-2023 07:22 AM
बेहतरीन अभिव्यक्ति और संदेश देती हुई अभिव्यक्ति
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