Sunita gupta

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स्वैच्छिक विषय सावरे

प्यार कर सांवरे मैं सँवर ,जाऊँगी।
अब न कर राररे वर्ना मर जाऊंगी।

तू भुला दे मुझे याकि दे-दे शरण,
मैं किसी गैरके अब न दर जाऊंगी।

तू बना ले  सुहागन,,, मुझे सांवरे,
तेरे दर पे ही आकर ठहर जाऊंगी।

मैं तो रोती  हूँ  हरदम तेरी  यादमें,
तेरे अश्कों की बनके खबर जाऊंगी।

भूल कर भी मुझे,भूल न पायेगा,
मैं तेरा प्यार पाकर निखर जाऊंगी।

सरिता की जिन्दगी आज बैचेन हैं,
आपके पा चरण नाथ तर जाऊंगी।

सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर

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1 Comments

Varsha_Upadhyay

29-Aug-2023 10:06 PM

Nice one

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