अखबार
अखबार क्या है?
भीड़ है बस खबरों की
खबरें भी वही है बस तारिख
बदलती रहती है रोज।
कभी किसी पर तेजाब फेंका,या
किसी की अस्मत लूटी।
फिर मोमबत्ती जलाकर किया अफसोस।
सड़कों पर बैठे है धरनों पर,
बेरोजगारी की समस्या है हर रोज,सरकार दे रही है रोजगार के
के झूठे दिलासे।अखबार वही है बस तारीखें बदल रही है।
नेताओं ने भी अपना सम्मान खो दिया है।अब तो अखबार भी बिक गई है
सच्चाई कहीं छुप गई है।
Monis Ansari
30-Mar-2021 04:19 PM
Nice
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Aliya khan
17-Mar-2021 12:59 PM
Bahut khoob
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kapil sharma
17-Mar-2021 09:23 AM
👍👍👍
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