सहारा
सहारा तेरा लिया मोहन।
शरण में बांके बिहारी की।
ठिकाना कोई नहीं मोहन।
प्रतीक्षा मदन मुरारी की।
ये दुनिया कष्टों का मेला ,
प्रभु मेरा हाथ पकड़ लेना।
नहीं कोई संग साथी है,
ये माया मुझे जकड़ ले ना।
बसा लिया दिल में तू मोहन,
आस रही कुंज बिहारी की।
डूब रही जीवन की नैया,
खिवैया बन जाओ स्वामी।
भंवर में फंस गई कश्ती,
हौसला बन जाओ स्वामी।
तू तारक है मेरा मोहन,
अंक में मोहन मुरारी की।
ध्यान में तू रहे ईश्वर,
प्रभू वर ऐसा दे देना।
तेरा घर अंतर्मन मेरा,
कृपा प्रभू ऐसी कर देना।
ये माया ठगनी है मोहन,
त्राण में कृष्ण मुरारी की।
ये बंसी पागल करती है,
थिरकते जाएँ पग घुंघरू।
मुझे क्या लेना दुनिया से,
जहाँ कान्हा मेरा चारू।
गूंज रही बंसी धुन मोहन,
छाँव में माधव मुरारी की।
भटक गया राहों से तेरी,
पनाह में गिरधर रख लेना।
तुम दीपक हो मेरे भगवन,
ज्ञान पुंज राह दिखा देना।
जहां में दीप्ति तेरी मोहन,
भक्त "श्री" बांके बिहारी की।
स्वरचित-सरिता श्रीवास्तव "श्री"
धौलपुर (राजस्थान)
Shashank मणि Yadava 'सनम'
09-Sep-2023 07:29 AM
खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति
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Sarita Shrivastava "Shri"
09-Sep-2023 11:11 AM
🙏🙏
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राजीव भारती
08-Sep-2023 11:30 PM
जी अनुपम सृजन।
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Sarita Shrivastava "Shri"
09-Sep-2023 11:11 AM
🙏🙏
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Reena yadav
08-Sep-2023 11:17 PM
👍👍
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Sarita Shrivastava "Shri"
09-Sep-2023 11:11 AM
🙏🙏
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