Tania Shukla

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हार्टलेस

कौन शेफाली बेटा?

मां सुचित्रा आंटी की बेटी, वहीं जो कोलकाता में आपकी सबसे अच्छी दोस्त थी और उनकी बेटी पायल और शेफाली थी, जिनके साथ हमारा पूरा बचपन गुज़रा है वही

हां , हां याद है देवा सुचित्रा को भला में कैसे भूल सकती हूं पर आज तुझे सुचित्रा की याद कैसे आ गई ।

वहीं बता रहा हूं मां, की उनकी बेटी शेफाली कल मेरे हॉस्पिटल में एडमिट हुई है उसका एक्सीडेंट हुआ है और उसे किसी अजनबी ने उसको एडमिट करवाया है कुछ दिनों पहले वह पागलों की भांति ब्रेड चुराते हुए भाग रही थी, उसके साथ कोई भी नहीं था तब मैं उसे देख नहीं पाया था और ना ही पहचान पाया था मगर अब वह मेरे ही हॉस्पिटल में एडमिट है और अपनी मां और बेटी को बार-बार पुकार रही है और उसको कोई खबर नहीं है उसका परिवार कहां है..

ओह ,, ये कैसे हो सकता है वो तो बहुत अच्छी बच्चीयां थीं, यह तो बहुत बुरा हुआ, सरस्वती ने परेशान होते हुवे कहा

हाँ माँ, .... देवाशीष ने अफ़सोस के साथ कहा

अपनी मां को याद कर रही थी मतलब ,,,, सुचित्रा कहां है और उसकी बेटी है , तब उसका पति, और उसकी बहन पायल कहां है वो सब?

अभी तक कुछ पता नहीं चला माँ, और ना ही कोई आया है

तब अब शेफाली कैसी है बेटा, वो…वो ठीक तो है ना

नहीं मां अभी वो ठीक नहीं है जैसे ही उसे होश आया उसने अपनी मां और बेटी को याद कर रोना शुरू कर दिया फिर वो पागलों की तरह वहा से भागने लगी, तब उसको नींद का इंजेक्शन दिया है, ताकी उसके घाव में आराम आए मगर उसे होश आएगा तो फिर से वो भागने की कोशिश ना करें ,, और अभी तो नीद की ज्यादा डोज भी नहीं दे सकते हैं डोज़ बस एक लिमिट तक ही दिया जा सकता है तब कैसे उसे संभालेगे यहीं सोच कर परेशान हूं मैं

सब ठीक हो जाएगा देवा शेफाली का परिवार भी तो उस को ढूंढ़ रहा होगा ना तो कहीं ना कहीं से उसका पता चल ही जाएगा सुचित्रा से मिले भी कितने दिन हो गए शेफाली के जरिए मैं भी सुचित्रा से मिल लूंगी सरस्वती ने देवाशीष को समझाते हुवे कहा उसके मन में अपनी खास सखी से मिलने की उम्मीद एक बार फिर प्रबल हो गई वो दोनों साथ बैठ कर बहुत बातें क्या करते थे

अच्छा अब तुम थोड़ा आराम कर लो, और ज्यादा मत सोचो सब कुछ सही हो जाएगा सरस्वती ने उठते हुवे कहा

ठीक है मां देवाशीष बेड पर पीछे की तरफ लेट गया

सरस्वती थाली उठा रसोई में रखने चली गई, वो अपने कमरे में जा अलमारी खोल कुछ ढूंढने लगी थोड़ी मेहनत के बाद उसे वो मिल ही गई, उसकी एक पुरानी एलबम, उसे हाथ में ले कर सरस्वती पलंग पर बैठ गई और एक एक पन्ना खोलने लगी एक के बाद एक फोटो देखती रही और उस से जुड़े लम्हों को याद कर मुस्कुराती रही, हर एक फोटो में देवाशीष और शेफाली एक साथ थे एक दो में तो दोनों ने हाथ भी पकड़े हुए थे

मैं जानती हूं मेरे बच्चे की तुम शेफाली से बहुत प्यार करते थे और वो भी तो तुमको कितना मानती थी मगर इस जमाने के रस्मों रिवाज और जात पात के अंतर ने तुम दोनों कि पाक मोहब्बत को अलग कर दिया ।

सरस्वती के आंखो के सामने घूम गया वो पल जब देवा 12 साल का था और शेफाली 10 साल की, स्कूल से आते समय सारे बच्चे एक साथ आया करते थे एक दूसरे का हाथ पकड़ कर, कभी मुझे वक़्त मिलता तो मैं चली जाती या फिर सुचित्रा चली जाती बच्चो को स्कूल से लेने के लिए अगर हम दोनों जाते तब उधर से तहलते हुवे बात करते हुवे आते थे, सब बातें और मस्ती करते हुए घर तक आते पहले घर सुचित्रा का पड़ता था और फिर कुछ दूरी पर हमारा और देवा हमेशा शेफाली का हाथ पकड़ स्कूल से शेफाली के घर आ कर ही छोड़ता था, उसे यहीं चिंता रहती कि कहीं शैतान शेफाली रास्ते में कोई शैतानी ना करे और उसको कोई चोट न लग जाए ।

उस दिन भी देवा शेफाली का हाथ पकड़ कर चल रहा था पीछे पीछे मै भी तो थी अचानक शेफाली को पता नहीं क्या सूझा और उसने देवा से हाथ छुड़ा लिया और सड़क की दूसरी तरफ उड़ती तितली को पकड़ने दौड़ पड़ी, तब ही दूसरी तरफ से आती गाड़ी से शेफाली की टकर होने ही वाली थी तो देवा ने बिना किसी बात की परवाह किए शेफाली को बचाने के लिए शेफाली का हाथ पकड़ कर खींच लिया शेफाली तो बच गई मगर देवा सड़क पर मुंह के बल गिर गया जिस से उसके मुंह में बहुत जोर से चोट लगी और देवा के पापा से मुझे और बाक़ी सब को भी खूब डांट पड़ी उनको तो यहीं लगा कि हमारी लापरवाही से देवा के चोट लगी है सच बताने की किसी की भी हिम्मत नहीं थी नहीं तो देवा के पापा शेफाली के परिवार के साथ कभी मेल जोल रखने की इजाजत नहीं देते

और दूसरे ही दिन किसी बच्चे के जन्म दिवस पर यह वाली तस्वीर ली थी अपने मुंह पर लगी चोट की वजह से देवा नहीं जाना चाहता था पर वहां भी शेफाली के कहने पर एक बार में ही चला गया ।

कितनी प्यारी और मीठी यादें जुड़ी है उस जगह और उस परिवार से, आखिर कहां हो तुम सुचित्रा और हमारी प्यारी शेफाली को क्या हुआ है, तुम उसके साथ क्यू नही हो हजार सवाल थे जो मन में उथल पुथल मचा रहे थे मगर उनका जवाब अभी किसी के पास नहीं था।

एक ठंडी आह भरते हुए सरस्वती ने सुचित्रा की फोटो को प्यार के साथ सहलाया जैसे कि अपनी प्यारी सखी के माथे को ही सहला रही हो

………

सोनल ने अर्पित की बनाई तस्वीर अपने रूम में एक तरफ रख दी, वो चाहती थी की तस्वीर को दीवार पर टांग दे, मगर उसे यह भी डर था कि यह तस्वीर देख कर उसे बार बार अर्पित की याद आएगी

और वो याद नहीं करना चाहती थी इस लिए उसने तस्वीर को एक तरफ रख दिया

कई दिन ऐसे ही बीत गए सोनल को अर्पित की याद तो आती मगर वो तब अपना ध्यान कहीं और लगा लेती वो कुछ काम करने लगती या अपनी किताबो में मन लगाने लगती, उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था के वो क्या करे और ये कैसी फीलिंग थी, उसका तो यहीं मानना था कि जिस राह जाना ही नहीं है उसके बारे में सोचना भी नहीं हैं, लेकिन मन में बार बार उस लड़के की गंभीर सी आवाज़ आ जाती थी, "क्या मैं यहाँ बैठ सकता हूँ ।

मम्मी कहां हो आप, मेरे कमरे में कौन गया था थोड़ी परेशान सी सोनल कॉलेज से आते ही अपनी मां सरस्वती के पास पहुंच गई क्यों क्या हुआ सोनल ऐसे परेशान क्यों हो, क्या हुआ

और यह क्या तरीका है बेटा बात करने का यह घर सबका है कमरे में तुम रहती हो तो वो सिर्फ तुम्हारा कमरा नहीं हो गया कि कोई वहा तुमसे बिना पूछे जा नहीं सकता । सोनल को एहसाह हुआ कि वो जल्द बाजी में क्या बोल गई अच्छा है दादी या पापा ने नहीं सुना , नहीं तो आज मेरी क्लास लग जाती ओह , मेरी प्यारी मां आप गलत समझ रही है वो बात क्या है ना जो मेरी तस्वीर में शिमला से बनवा कर लाई थी वो वहा नहीं है जहां मैने रखी थी और इसी तस्वीर दुबारा कैसे बनेगी इस लिए मेरे मुंह से वो शब्द निकल गए

मुझे पता है कि वह तस्वीर यहां दुबारा नहीं बन सकती वो है ही इतनी खूबसूरत , तो मैने उसे वहीं तेरे कमरे में ही दीवार पर टांग दी है तू जरा ध्यान से देख तो सही

क्या दीवार पर टांग दी,,, ओह रहने देते ना मां , वो ऐसे ही ठीक थी कैसी लड़की है एक तो इसकी तस्वीर दीवार पर लगाई और यह बोल रही है ऐसे ही ठीक थी आखिर तुझे हुआ क्या है जब से शिमला से आईं हैं बदली बदली सी है ।

कौन बदल गया है भाई ,, हमे भी कोई कुछ बता दिया करो मां बेटी दोनों पता नहीं क्या पटलाईया करती रहती हो । दोनों मां बेटी ने एक दूसरे की आंखों में देखा और सरस्वती ने बात संभालते हुए कहा ऐसा कुछ नहीं है अम्मा जी ,, वो तो सोनल ऐसे ही अपनी सहेलियों की बातें बता रही थी ।

अचानक से दादी के आ जाने से दोनों की बातें रुक गई दादी इतने खुले स्वभाव की तो थी नहीं कि उनसे हर बात बता दी जाए और कहीं दादी को बात पसंद नहीं आई तो वो पापा से कह देगे ।

मैं चलती हूं शाम के खाने की तैयारी भी करनी है तू भी जल्दी आ रसोई में , मेरी मदद करने के लिए नहीं तो दादी फिर गुस्सा होगी , हां मां आती हूं

दादी को तो ऐसा ही लगता है कि लड़कियां सिर्फ़ रसोई और पति संभालने के लिए ही होती है मगर अब जमाना बदल गया है अब ऐसी लड़की को कोई लड़का भी ज्यादा पसंद नहीं करता और लड़कियों को तो देखो मां ,, आज हर जगह अपने नाम के झण्डे गाड़ रही है और साथ में घर भी संभाल रही है पर दादी और पापा अब भी पुराने जमाने में ही जी रहे है

कह तो तू ठीक रही हैं बेटा पर उनकी सोच हम नहीं बदल सकते उन्होंने अपने घर के नियम कायदे बना रखे हैं और उन पर ही चलते है तो हमें भी उनके नियम कायदे मानने ही होगे ।

ठीक है मां ,,,, आप चलिए मैं 10 मिनट में आ रही हूं

तब ही उसे ऐसा लगा कि उसका फोन बज रहा है उसने तुरंत फोन उठा कर देखा तो फोन पर तो कोई कॉल आईं ही नहीं थी तो क्या मैं किसी के फोन का इंतजार कर रही हूं पर किसके फोन का ..... वो खुद से ही सवाल करने लगती है और शायद उसे जवाब भी पता था पर वो उस जवाब को मानना नहीं चाहती थी एक बार फिर उसने अपनी ही तस्वीर को हसरत भरी निगाहों से देखा और फिर चली गई अपनी मां की मदद करने ।

देवाशीष को आज अपने एक दोस्त की बर्थडे पार्टी में जाना था मगर उसका मन कहीं भी जाने का नहीं हो रहा था

देवा तू तैयार नहीं हुआ अभी तक ,,, आशीष का कितनी बार कॉल आ चुका है और तू उसका फोन भी नहीं उठा रहा हां मां वो आने के लिए फोर्स करेगा इस लिए मैं उसका फोन नहीं उठा रहा हूं

तो बेटा वो तेरा कितना अच्छा दोस्त है और तुझे कितना मानता है वो तुझे याद है ना तू नहीं गया तो वो अपना केक भी नहीं काटेगा तब भी तू नहीं जा रहा है क्या बात है बेटा ,, ऐसे परेशान क्यू है ?

देख अगर तू शेफाली को लेकर परेशान हो रहा है तो तू चिंता मत कर वो ठीक हो जाएगी और उसका परिवार भी जल्दी ही मिल जाएगा हम सब भी तो है उसके साथ ,,,, तू अब तैयार हो जा ।

ठीक है मां ,, मैं चला जाता हूं पर ज्यादा देर वहां रुकुगा नहीं । ओके ,,,,,

देवाशीष तैयार हो निकल गया और सरस्वती अपना काम खत्म कर सोने जाने वाली थी कि सोनल ने उसको रोक लिया

मां , एक मिनट छत पर चलो ना , आपसे कुछ बात करनी है क्या बात है सोनल ,,, अब तुझे क्या बात करनी है तेरे पापा को दूध देना है मुझे वो इंतजार कर रहे होंगे

ओह मां , आप चलो तो बस दो मिनट की ही तो बात है

चल तू कौनसा मानने वाली है

हां अब बोल क्या बात है ?

मां मैने आपको और भाई की बातें सुनी थी मतलब मैं सुनना नहीं चाहती थी पर शेफाली का नाम सुनकर मुझसे रुका नहीं गया अपनी मां का चेहरा देख सोनल अपनी सफाई देने लगी

अच्छा तो फिर ,,

तो मां यह वही शेफाली है क्या ? कोलकाता वाली

और वो यहां कैसे आई बनारस में ,,,,

हां है तो वहीं शेफाली , सुचित्रा आंटी की बेटी मगर वो यहां कब और क्यू आई यह बात अभी हमे पता नहीं है वो बेहोश है उसका ऐक्सिडेंट हो गया था और वो देवा के हॉस्पिटल में ही है

ओह ,,,ज्यादा चोट लगी लगता है उसको

मुझे याद है वो और भईया हमेशा एक दूसरे के साथ रहते थे और एक दूसरे से कितना प्यार करते थे

पर पापा ...... सरस्वती ने सोनल को आंखे दिखाई तो वह चुप हो गई

चल निचे बहुत हो गई बाते और हां यह बात किसी के सामने नहीं आनी चाहिए नहीं तो घर में बेकार में हंगामा हो जाएगा ।

जन्मदिन की बधाई मेरी जान ,,,,देवाशीष ने आशीष को गले लगाते हुए कहा । ओह आ गए महाराज आप ,,,, हुकुम किया होता दो चार नौकर भेज देते आपको लेने के लिए बस कर अब आ तो गया हूं, क्या हर समय रोता रहता है अच्छा बेटा, आने दे तेरा जन्मदिन बताता हूं तुझे।

चल अब ठीक है,, अब केक भी काटेगा या ऐसे ही मुझसे लड़ता रहेगा

दोनों ने मिल कर केक काटा और सब दोस्त आशीष को विश करने लगे

हैप्पी बर्थडे आशीष ,,,, मेनी मेनी हैप्पी रिटर्ंस ऑफ द डे और एक सुंदर सा बुके आशीष की तरफ बड़ा दिया

ओह , आ गई अंजलि , थैंक्यू सो मच

कहते हुए आशीष ने अंजलि के गालों पर किस कर दिया । देवाशीष उस लड़की को देख पहचानने की कोशिश कर रहा था कि इसको कहां देखा है

आओ तुम्हें सब से मिलाता हूं यह मेरा दोस्त है देवाशीष हेल्लो , अंजलि ने अपना हाथ बढ़ाया और देख कर चोक गई अरे आप ? आप ? देवाशीष भी अंजलि को देख उतना ही शोकड़ था

और आशीष उन दिनों को देख समझने की कोशिश कर रहा था कि आखिर हो क्या रहा है

तो तुम दोनों एक दुसरे को जानते हो

हां ,भी और नहीं भी ....दोनों ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया इसका क्या मतलब हुआ भाई ,,, साफ साफ बताओ मुझे , ऐसे परेशान मत करो वो भी मेरे ही जन्मदिन के मौके पर.....

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6 Comments

Anjali korde

15-Sep-2023 12:04 PM

Very nice

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Babita patel

15-Sep-2023 10:24 AM

Nice one

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hema mohril

13-Sep-2023 08:41 PM

Amazing

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