Navanita Gupta

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Lekhny Story -11-Sep-2023

आज की नारी

तुम आज की नारी हो, दिखा दो अत्याचारियों पर तुम दुर्गा और काली की तरह भारी हो। तुम सम्मान, सुरक्षा और आजादी की अधिकारी हो, जब बात आएगी खुद के सुरक्षा और सम्मान की, तुम्हें रणचंडी का रुप धरना होगा। कमजोर नहीं हो तुम, जननी हो संपूर्ण जगत की गौरव हो, आज फिर से तुम्हें नया इतिहास अपने कर्मों से रचना होगा।

मेंहदी लगती हैं तुम्हारे हाथों में तो क्या? शिक्षा हो या अर्थ जगत हो या सेवायें सरकारी, हर पद की तुम हो सच्ची अधिकारी। तुम नये प्रतिमान सृजन के अपने हाथों से गढ़ती हो, हर दर्द तुम सहती हो पर उफ् तक नहीं करती हो। अब वो वक़्त आ गया है, उठो! और जागो तुम, अपने कर्तव्यों से ना भागों तुम। दिखा दो! तुम आज की नारी हो, अत्याचारियों पर तुम अकेले ही भारी हो, तुम खुद ही अपने सम्मान, सुरक्षा और आजादी की अधिकारी हो।

तुम किसी की माँ, बेटी, पत्नी और बहन का स्वरूप हो, तुम ममता की छांव और जाड़े की सुनहरी धूप हो, उठो जागो! तुम आज की नारी हो, नवनिर्माण तुम्हें करना होगा, आजादी की खुदी नींव में तुम्हें प्रगति पत्थर भरना होगा।

तुम लक्ष्मी, सरस्वती और सीता हो, तुम सत्य को वरण करने वाली महाभारत की गीता हो। रूढ़िवादिताओ के बंधन को तोड़ आज तुम्हें बढ़ना होगा, तुम आज की नारी हो, तुम्हें अपनी आजादी की लड़ाई खुद ही लड़ना होगा। तुम आज की नारी हो, तुम्हें अपने सुरक्षा, सम्मान और आजादी की खुद ही अधिकारी हो ।।

डॉ. नवनीता गुप्ता (डेंटल सर्जन) जमादार टोला, बेतिया।

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5 Comments

Sushi saxena

13-Sep-2023 03:29 PM

V nice

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बहुत ही सुंदर और बेहतरीन अभिव्यक्ति

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Gunjan Kamal

11-Sep-2023 08:23 PM

👏👌

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