समाज की चिंता करना जरूरी है
समाज की चिंता करना जरूरी है
इंसानियत के जो दुश्मन है
वो रिश्तों की गहराई क्या समझेंगे
हर मामलों में मीन मेख निकालने वाले
मानवता की बातें क्या समझेंगे।
तुष्टिकरण और साम्प्रदायिकता
आज का बन गया है हथियार
मानाकि अपनों में मशगूल रहना है अच्छी बात
पर समाज की भी चिंता कीजिए।
समाज है सबसे बड़ी दौलत प्यारें
अपनी सोच सकारात्मक रखें
दया भाव दिल में सजाकर रखना जरूरी है
क्योंकि इस जीवन का अंत निश्चित है ।
आप अपनी पहचान बना सकते हो
इस जग में बहुत कुछ आप पा सकते हो
मानाकि अपना ख्याल रखना जरूरी है
पर समाज की भी चिंता कीजिए।
आज हम बदलने लगे हैं
लेकिन रास्ते तो वही है
कुछ लोगों का सोच है कि
हम लोग कुछ नहीं कर सकते है
यह तो एक बहाना है।
आप सभी सक्षम है सज्जनों
आपको खुद ही सिकंदर बनना होगा
मिल बैठ कर चर्चा कीजिए
समाज की चिंता करना जरूरी है।
नूतन लाल साहू