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साकी

बोतलो मे उभरती तेरी अक्स है,
बस नशा ही नशा है,
अरे साकियाँ।
🍀🍀


आँखों से जो पिलाई है मैखाने में,
सारी जन्नत लुटा दूँ,
अरे साकियाँ।
🍀🍀


रग से मेरे खुमारी उतरती नहीं,
कैसी तूने पिलाई,
अरे साकियाँ।
🍀🍀


गेसुओं की टपक आईने जो पड़ी,
झूमते आईने अब,
अरे साकियाँ।
🍀🍀


अब तो पैमाने खुद लड़खड़ाने लगे,
बस ये तेरा असर है,
अरे साकियाँ।
🍀🍀


शख्सियत जो शराफत से गुजरे तेरे,
सारे हो गये शराबी,
अरे साकियाँ।
🍀🍀
राज

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5 Comments

लाजवाब लाजवाब लाजवाब

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Shilpa modi

05-May-2021 07:42 PM

Bahut khoobsurat

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Rajan tiwari

19-Mar-2021 02:30 PM

बहुत शानदार

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