साकी
बोतलो मे उभरती तेरी अक्स है,
बस नशा ही नशा है,
अरे साकियाँ।
🍀🍀
आँखों से जो पिलाई है मैखाने में,
सारी जन्नत लुटा दूँ,
अरे साकियाँ।
🍀🍀
रग से मेरे खुमारी उतरती नहीं,
कैसी तूने पिलाई,
अरे साकियाँ।
🍀🍀
गेसुओं की टपक आईने जो पड़ी,
झूमते आईने अब,
अरे साकियाँ।
🍀🍀
अब तो पैमाने खुद लड़खड़ाने लगे,
बस ये तेरा असर है,
अरे साकियाँ।
🍀🍀
शख्सियत जो शराफत से गुजरे तेरे,
सारे हो गये शराबी,
अरे साकियाँ।
🍀🍀
राज
Shashank मणि Yadava 'सनम'
25-Aug-2022 05:55 AM
लाजवाब लाजवाब लाजवाब
Reply
Shilpa modi
05-May-2021 07:42 PM
Bahut khoobsurat
Reply
Rajan tiwari
19-Mar-2021 02:30 PM
बहुत शानदार
Reply