mishra

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हकीकत

सर्वप्रथम माँ शारदे को नमन
तत्पश्चात"लेखनी" मंच को नमन
मंच के सभी श्रेष्ठ सुधीजन को नमन
शीर्षक -:हकीकत
दिनाँक-16-09-2023 
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मेरे घर आई एक नन्ही परी
खुशियों का गुलिस्ताँ लाई परी

जननी जनक खुशी से फूले न समाए।
पोते की चाहत न हुई पूरी,दादी बौखलाए। ।

आस पड़ौसी ऐसे सोए लुटा खजाना।
फिकी बधाई ले बुआ आई माँगे
रुपया सोना।।

नाऊ नेगन भी हर्ष अपना जाहिर न करे।
इसी कारण बेटियाँ जिंदा जलाई जाती।।

बयां करती हूँ समाज की है हकीकत।
बेटी को सम्मान मिले,चमके घर ऑगन।।
 



आभा मिश्रा कोटा-राजस्थान

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2 Comments

Milind salve

17-Sep-2023 01:50 PM

Nice 👍🏼

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सुन्दर सृजन

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