Mohan ki Poems

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दशहरा

मंच को नमन 

१६/१०/२०२१ शुक्रवार 


लेखनी प्रतियोगिता 

दशहरा


दशानन क्यों नहीं मरता है


रावण एक कुशल था पण्डित 

महाशक्तिशाली था एक नृप

दस शिश से था सुसज्जित 

 दशानन नाम से था प्रसिद्ध 


त्रेता युग में धाक जमाई

जप तप करके सिद्धि पाई

धन कुबेर थे उसके वश में 

सोने की नगरी थी उनकी


हर वर्ष मरता है रावण

फिर क्यों ज़िन्दा होता है

शरीर से वो मर गया पर

दशानन क्यों नहीं मरता है


गली गली में रावण बैठा

सबको डर क्यों लगता है

श्रीराम नहीं दिखते हैं

रावण क्यों नहीं मरता है


बीच चौराहे लज्जित करते

नहीं है कोई सुनने वाला

जले हुए पर नमक छिड़कते

कौन बने अब रखवाला


रक्षक ही भक्षक बन कर 

बाड़ खेत को खाने लगती

उम्मीद कहाँ फिर ज़िंदा रहती

न्याय की आश लगाये बैठे

नोच नोच कर बोटी खाते

दशानन अब क्यों नहीं मरता 


मोहन लाल जांगिड़

मु० पो० कोलीडा़,सीकर

(राजस्थान )

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5 Comments

जबरदस्त 👌👌

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Fiza Tanvi

16-Oct-2021 12:47 PM

Good

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Ramsewak gupta

16-Oct-2021 11:24 AM

बहुत सुंदर

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